नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक और एनसीटीसी को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है और इस पर सरकार से आर-पार करने के मूड में है।
भाजपा ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर लोकपाल विधेयक पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है। पार्टी दोनों सदनों में एनसीटीसी, आरपीएफ अधिनियम के गठन के माध्यम से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार के मुद्दे और श्रीलंका में तमिलों की स्थिति पर भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रही है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता एस एस आहलुवालिया ने कहा कि सदन में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने प्रश्नकाल स्थगित कर लोकपाल विधेयक पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है। मुख्य विपक्षी पार्टी मांग कर रही है कि संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दौरान 20 दिसंबर को 12 बजे जहां से लोकपाल पर चर्चा अधूरी रह गई थी, उस पर चर्चा आगे बढ़ायी जाए।
द्रमुक, अन्नाद्रमुक और वामदलों ने श्रीलंकाई तमिलों की प्रताड़ना के मुद्दे पर चर्चा के लिए अलग से प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा कराने का नोटिस दिया है। यह दल जानना चाहते हैं कि क्या भारत संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका समर्थित उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा जिसमें श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में तमिलों को प्रताड़ित किये जाने के मुद्दे पर वहां की सरकार को घेरे में रखा गया है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाजपा की ओर से एनसीटीसी और नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (एनआईजी) पर संशोधन पेश किया जाएगा। पार्टी ने आरोप लगाया कि एनसीटीसी और एनआईजी के गठन के दौरान राज्य सरकारों को विश्वास में नहीं लिया गया और इन्हें कुछ ऐसे अधिकार दिये गए जो देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन करते हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरूआत लोकसभा में भाजपा की ओर से राजनाथ सिंह जबकि राज्यसभा में एम वेंकैया नायडु करेंगे।
मालूम हो कि लोकपाल विधेयक लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान ही पारित हो गया था, लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की संख्या कम होने के कारण राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था। जबकि एनसीटीसी मुद्दे पर राज्यों के विरोध के बाद इसपर संसद में सरकार के टकराव होना तय माना जा रहा है। बजट सत्र में किसी भी टकराव को टालने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने घर को मजबूत करने की रणनीति के तहत यूपीए के घटक दलों को आज रात्रि भोज पर बुलाया है जहां इस संकट से निपटने के लिए मंत्रणा की जाएगी। इस मंत्रणा के बाद जरूरत पड़ी तो सरकार सर्वदलीय बैठक भी बुला सकती है।
बजट सत्र में लोकपाल के अलावा विचार करने और पारित कराने के लिए अन्य कई विधेयक पंक्ति में हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहण विधेयक, शिकायत निवारण विधेयक, व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण विधेयक, परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण विधेयक, पेंशन कोष नियामक प्राधिकरण विधेयक, न्यायाधीश उत्तरदायित्व विधेयक, महिला आरक्षण विधेयक एवं बीज विधेयक प्रमुख हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि सदन पटल पर रखने के लिए सरकार के पास 30 नए विधेयक और विचार तथा पारित कराने के लिए 39 विधेयक हैं। इसी सत्र में 16 मार्च को वर्ष 2012-2013 के लिए आम बजट पेश किया जाएगा। इसी सत्र के दौरान वित्त विधेयक 2012 पेश होगा, उस पर विचार किया जाएगा और उसे पारित कराया जाएगा।
लोकसभा में वर्ष 2012-2013 के लिए रेल बजट 14 मार्च को पेश किया जाएगा, जिसके बाद 15 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 22 मई तक चलने वाले इस सत्र में कुल 35 बैठकें होंगी।
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द्रमुक, अन्नाद्रमुक और वामदलों ने श्रीलंकाई तमिलों की प्रताड़ना के मुद्दे पर चर्चा के लिए अलग से प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा कराने का नोटिस दिया है। यह दल जानना चाहते हैं कि क्या भारत संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका समर्थित उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा जिसमें श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में तमिलों को प्रताड़ित किये जाने के मुद्दे पर वहां की सरकार को घेरे में रखा गया है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाजपा की ओर से एनसीटीसी और नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (एनआईजी) पर संशोधन पेश किया जाएगा। पार्टी ने आरोप लगाया कि एनसीटीसी और एनआईजी के गठन के दौरान राज्य सरकारों को विश्वास में नहीं लिया गया और इन्हें कुछ ऐसे अधिकार दिये गए जो देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन करते हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरूआत लोकसभा में भाजपा की ओर से राजनाथ सिंह जबकि राज्यसभा में एम वेंकैया नायडु करेंगे।
मालूम हो कि लोकपाल विधेयक लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान ही पारित हो गया था, लेकिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की संख्या कम होने के कारण राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था। जबकि एनसीटीसी मुद्दे पर राज्यों के विरोध के बाद इसपर संसद में सरकार के टकराव होना तय माना जा रहा है। बजट सत्र में किसी भी टकराव को टालने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने घर को मजबूत करने की रणनीति के तहत यूपीए के घटक दलों को आज रात्रि भोज पर बुलाया है जहां इस संकट से निपटने के लिए मंत्रणा की जाएगी। इस मंत्रणा के बाद जरूरत पड़ी तो सरकार सर्वदलीय बैठक भी बुला सकती है।
बजट सत्र में लोकपाल के अलावा विचार करने और पारित कराने के लिए अन्य कई विधेयक पंक्ति में हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहण विधेयक, शिकायत निवारण विधेयक, व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण विधेयक, परमाणु सुरक्षा नियामक प्राधिकरण विधेयक, पेंशन कोष नियामक प्राधिकरण विधेयक, न्यायाधीश उत्तरदायित्व विधेयक, महिला आरक्षण विधेयक एवं बीज विधेयक प्रमुख हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि सदन पटल पर रखने के लिए सरकार के पास 30 नए विधेयक और विचार तथा पारित कराने के लिए 39 विधेयक हैं। इसी सत्र में 16 मार्च को वर्ष 2012-2013 के लिए आम बजट पेश किया जाएगा। इसी सत्र के दौरान वित्त विधेयक 2012 पेश होगा, उस पर विचार किया जाएगा और उसे पारित कराया जाएगा।
लोकसभा में वर्ष 2012-2013 के लिए रेल बजट 14 मार्च को पेश किया जाएगा, जिसके बाद 15 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 22 मई तक चलने वाले इस सत्र में कुल 35 बैठकें होंगी।