मध्य प्रदेश में एक भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी है.
यह घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है.
उल्लेखनीय है कि इस हत्या के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस ने राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया है.
टीम अन्ना भी इस बंद का समर्थन कर रही है और वह तीन दिनों तक शहीद आईपीएस नरेंद्र कुमार की पत्नी को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठ रही है.
यह बंद आधे दिन का है और इससे स्वास्थ्य, शिक्षण और परिवहन सेवा को दूर रखा गया है.
राज्य में बढ़ते अवैध खनन, माफियाराज सहित अपराधों को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में सरकार के संरक्षण में अवैध उत्खनन का काम चल रहा है.
माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अफसरों को भी निशाना बना रहे हैं.
मुरैना में तैनात आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या इसका प्रमाण है.
कांग्रेस का बंद दोपहर तीन बजे तक ही रहेगा, साथ ही इससे स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन सेवा को दूर रखा गया है ताकि किसी को परेशानी न हो.
बंद का सुबह से ही मिला-जुला असर नजर आ रहा है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टोलियां सड़कों पर घूम रही है.
पुलिस का अभियान
इस बीच ग्वालियर पुलिस ने जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन को रोकने के लिये एक बड़ा अभियान शुरु किया है. अभियान के तहत घाटीगांव एवं मोहना थानों के तहत उन 37 गांवों में धारा 144 लागू कर दी गई है जहां से अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली हैं.
जिला कलेक्टर पी नरहरि ने बताया कि संबंधित क्षेत्र के लगभग दो हजार लाइसेंस धारियों को अपने हथियार एक सप्ताह में संबंधित थाना क्षेत्र में जमा करने के निर्देश दिये गये हैं. पिछले दिनों अवैध उत्खनन में लगे लोगों द्वारा पुलिस पर हमलों की घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
उन्होने बताया कि मुरैना में खनिज माफिया द्वारा एक युवा आईपीएस अधिकारी की हत्या के परिपेक्ष्य में शुरु किये गये इस अभियान के तहत जिले में पत्थर भंडारण के एक दर्जन लाइसेंस भी निरस्त कर दिये गये हैं. साथ ही 24 लोगों की सूची बनायी गयी है जो अक्सर वन एवं पुलिस के लोगों पर हमला करते हैं.
उन्होने कहा कि इन सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जिला बदर की कार्रवाई की जायेगी.
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उल्लेखनीय है कि इस हत्या के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस ने राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया है.
टीम अन्ना भी इस बंद का समर्थन कर रही है और वह तीन दिनों तक शहीद आईपीएस नरेंद्र कुमार की पत्नी को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठ रही है.
यह बंद आधे दिन का है और इससे स्वास्थ्य, शिक्षण और परिवहन सेवा को दूर रखा गया है.
राज्य में बढ़ते अवैध खनन, माफियाराज सहित अपराधों को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में सरकार के संरक्षण में अवैध उत्खनन का काम चल रहा है.
माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अफसरों को भी निशाना बना रहे हैं.
मुरैना में तैनात आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या इसका प्रमाण है.
कांग्रेस का बंद दोपहर तीन बजे तक ही रहेगा, साथ ही इससे स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन सेवा को दूर रखा गया है ताकि किसी को परेशानी न हो.
बंद का सुबह से ही मिला-जुला असर नजर आ रहा है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टोलियां सड़कों पर घूम रही है.
पुलिस का अभियान
इस बीच ग्वालियर पुलिस ने जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन को रोकने के लिये एक बड़ा अभियान शुरु किया है. अभियान के तहत घाटीगांव एवं मोहना थानों के तहत उन 37 गांवों में धारा 144 लागू कर दी गई है जहां से अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली हैं.
जिला कलेक्टर पी नरहरि ने बताया कि संबंधित क्षेत्र के लगभग दो हजार लाइसेंस धारियों को अपने हथियार एक सप्ताह में संबंधित थाना क्षेत्र में जमा करने के निर्देश दिये गये हैं. पिछले दिनों अवैध उत्खनन में लगे लोगों द्वारा पुलिस पर हमलों की घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
उन्होने बताया कि मुरैना में खनिज माफिया द्वारा एक युवा आईपीएस अधिकारी की हत्या के परिपेक्ष्य में शुरु किये गये इस अभियान के तहत जिले में पत्थर भंडारण के एक दर्जन लाइसेंस भी निरस्त कर दिये गये हैं. साथ ही 24 लोगों की सूची बनायी गयी है जो अक्सर वन एवं पुलिस के लोगों पर हमला करते हैं.
उन्होने कहा कि इन सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जिला बदर की कार्रवाई की जायेगी.