INDIA AGAINST CORRUPTION INDIA AGAINST CORRUPTION INDIA AGAINST CORRUPTION INDIA AGAINST CORRUPTION
भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक
अन्ना ने केजरीवाल को भेजा शुभकामना संदेश
अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली नहीं जा रहे हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एक मेल भेज कर शुभकामनाएं दी हैं। अन्ना ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए शपथ ने न जा पाने में असमर्थता जताई है। केजरीवाल जिस रामलीला मैदान में शपथ लेंगे उसी रामलीला मैदान में अन्ना ने साल 2011 में जनलोकपाल के लिए 12 दिन का उपवास रखा था। उस समय केजरीवाल उनके करीबी सहयोगी हुआ करते थे।
28 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने के सवाल पर हजारे ने कहा, 'मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अन्ना में मेल भेज कर केजरीवाल को शुभकामनाएं दी हैं।अन्ना ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केजरीवाल अच्छा काम करेंगे।
केजरीवाल ने अन्ना द्वारा शुभकामनाएं भेजने पर कहा कि, "अन्ना हमारे माननीय रहे हैं और उनकी शुभकामनाएं सर आंखों पर है।"
अरविंद केजरीवाल के कहने पर दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन की ओर से अन्ना हजारे को शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भेजा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केजरीवाल की तरफ से 4 लोगों को निमंत्रण भेजने के लिए कहा गया था। इनमें उनकी पूर्व सहयोगी डॉ़ किरण बेदी, एडमिरल रामदास व कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन सभी को निमंत्रण भेज दिया गया है।
28 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने के सवाल पर हजारे ने कहा, 'मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अन्ना में मेल भेज कर केजरीवाल को शुभकामनाएं दी हैं।अन्ना ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केजरीवाल अच्छा काम करेंगे।
केजरीवाल ने अन्ना द्वारा शुभकामनाएं भेजने पर कहा कि, "अन्ना हमारे माननीय रहे हैं और उनकी शुभकामनाएं सर आंखों पर है।"
अरविंद केजरीवाल के कहने पर दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन की ओर से अन्ना हजारे को शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भेजा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केजरीवाल की तरफ से 4 लोगों को निमंत्रण भेजने के लिए कहा गया था। इनमें उनकी पूर्व सहयोगी डॉ़ किरण बेदी, एडमिरल रामदास व कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन सभी को निमंत्रण भेज दिया गया है।
केजरीवाल के शपथ समारोह में आएंगे अन्ना हजारे
समाजसेवी अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना जतायी है।
अन्ना हजारे ने अपने गांव महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि अगर उनकी तबीयत ठीक रही तो वह केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं है।
आप विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। केजरीवाल के साथ कुछ कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता अन्ना हजारे के अलावा पूर्वपुलिस अधिकारी किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे को भी भेजा जाने वाला है। पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने पार्टी से उन लोगों की सूची मांगी थी। जिन्हें आधिकारिक तौर पर न्यौता भेजा जाना है और पार्टी की ओर से अन्ना हजारे, किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे का नाम दिया गया है।
अन्ना हजारे ने अपने गांव महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि अगर उनकी तबीयत ठीक रही तो वह केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं है।
आप विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। केजरीवाल के साथ कुछ कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता अन्ना हजारे के अलावा पूर्वपुलिस अधिकारी किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे को भी भेजा जाने वाला है। पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने पार्टी से उन लोगों की सूची मांगी थी। जिन्हें आधिकारिक तौर पर न्यौता भेजा जाना है और पार्टी की ओर से अन्ना हजारे, किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे का नाम दिया गया है।
अरविंद केजरीवाल को मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद: अन्ना
नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने की घोषणा के पहले अन्ना हजारे ने राज्य में सरकार बनाने के लिए केजरीवाल को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दे दिया है। सोमवार को केजरीवाल ने उप राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल हमेशा से ही अन्ना को अपना गुरु मानते हैं और उनसे चुनाव जीतने के लिए आशीर्वाद भी मांगा था जिसे अन्ना ने अस्वीकार कर दिया था। अन्ना ने केजरीवाल से उस समय दूरी बना ली थी, जब उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया था।
अन्ना हजारे ने दिल्ली चुनाव में शीला दीक्षित को हराकर चुनाव जीतने पर भी केजरीवाल को शुभकामनाएं दी थीं जिसके बाद से अन्ना और केजरीवाल के बीच चली आ रही मतभेद में कमी आ गई थी। अन्ना ने एक बार फिर दिल्ली की जनता की केजरीवाल के पक्ष में ज्यादा राय देखकर ही उन्हें शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया है।
'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल हमेशा से ही अन्ना को अपना गुरु मानते हैं और उनसे चुनाव जीतने के लिए आशीर्वाद भी मांगा था जिसे अन्ना ने अस्वीकार कर दिया था। अन्ना ने केजरीवाल से उस समय दूरी बना ली थी, जब उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया था।
अन्ना हजारे ने दिल्ली चुनाव में शीला दीक्षित को हराकर चुनाव जीतने पर भी केजरीवाल को शुभकामनाएं दी थीं जिसके बाद से अन्ना और केजरीवाल के बीच चली आ रही मतभेद में कमी आ गई थी। अन्ना ने एक बार फिर दिल्ली की जनता की केजरीवाल के पक्ष में ज्यादा राय देखकर ही उन्हें शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया है।
अन्ना के आंदोलन ने लोकतंत्र के नए आयाम खोले हैं : राष्ट्रपति
संसद द्वारा लोकपाल विधेयक पारित किए जाने के एक दिन बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अन्ना हजारे ने जिस तरह का आन्दोलन किया, उस तरह के आन्दोलनों ने लोकतान्त्रिक ढाँचों के नए आयाम खोले हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
राष्ट्रपति ने कहा कि महज 10 साल पहले कोई सामाजिक कार्यकर्ताओं, गैर-सरकारी संगठनों के बारे में सोचता तक नहीं था़। अब वे सिर्फ़ यही माँग नहीं करते कि लोगों के हित की रक्षा के लिए खास तरह का कानून लागू कीजिए बल्कि वे इस बात पर भी ज़ोर देते हैं कि आपको किस तरह का मॉडल या किस तरह का ढाँचा अपनाना है।
लोकपाल विधेयक पारित होने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें राजी होना पड़ता है। हम आज इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे पिछले दो साल से भी ज़्यादा समय से अपना आन्दोलन चला रहे थे।
अन्ना हजारे के आन्दोलन के बाबत अपना अनुभव साझा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दो साल पहले जब यह आन्दोलन अपने चरम पर था तो प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने अन्ना से बातचीत करने के लिए गठित मन्त्री-समूह की अध्यक्षता करने को कहा था। प्रणब ने बताया कि वियतनाम दौरे के दौरान भी उनसे पूछा गया कि वह आन्दोलन से किस तरह निपटेंगे।
लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी, 9 दिनों के बाद अन्ना हजारे ने तोड़ा अनशन
करप्शन के खिलाफ कड़े प्रावधानों वाले चार दशक से लटके लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा से पास होने के बाद बुधवार को संशोधित बिल को लोकसभा ने ध्वनिमत से 30 मिनट में पास कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकपाल बिल को अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। लोकपाल और लोकायुक्त बिल 2011 दो साल से राज्यसभा में लटका हुआ था। राज्यसभा मंगलवार को कुछ संशोधनों के साथ इसे पारित कर चुकी थी, बुधवार को लोकसभा ने भी समाजवादी पार्टी के वॉकआउट के बीच इस पर अपनी मुहर लगा दी।
लोकसभा से बिल जैसे ही पास हुआ, सैकड़ों किलोमीटर दूर रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे खुशी से झूम उठे। उन्होंने मंच पर मौजूद किरण बेदी के साथ तिरंगा लहराकर खुशी का इजहार किया। अन्ना ने कहा कि इस बिल से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा, लेकिन 40 से 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार जरूर कम हो जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि कानून बनने से भर से काम नहीं होगा, इस पर अमल भी जरूरी है। उन्होंने लोगों से हमेशा जागरूक रहने और वॉचडॉग की भूमिका निभाने की अपील की। लोकपाल बिल लोकसभा में पास होने के बाद अन्ना ने 10 दिसंबर से चला आ रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया। अन्ना ने एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अनशन तोड़ा।
संशोधित लोकपाल विधेयक को बुधवार सुबह लोकसभा में पेश किया गया। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जहां इसका पुरजोर समर्थन किया, वहीं राज्यसभा में इस बिल पर बहस के दौरान वॉकआउट करने वाली समाजवादी पार्टी ने निचले सदन में भी इस बिल का विरोध किया। नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने लोकपाल बिल का पूरा क्रेडिट अन्ना हजारे को दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का क्रेडिट लेने के लिए कांग्रेस में होड़ मची है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हैं। लेकिन इसका पूरा श्रेय इसके लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे को जाता है, जो अनशन कर देश की आत्मा को बार-बार झकझोरते रहे।
लोकपाल बिल संसद से पास होने के बाद झूमे अन्ना
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बिल को देश पर 'कलंक' बताते हुए सदन से वॉकआउट का ऐलान किया। मुलायम बिल के विरोध में बोलते हुए सोनिया गांधी और स्पीकर मीरा कुमार से लेकर विपक्षी दलों तक इसे वापस लेने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने बिल का समर्थन करने लिए बीजेपी के सदस्यों को खूब खरी-खोटी भी सुनाई।
क्या कहा मुलायम ने : 'यह लोकपाल बिल खतरनाक है। यह पूरे देश को चौपट कर देगा। इतना डर हो जाएगा कि कोई अधिकारी कहीं दस्तखत नहीं करेगा। गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी। सभी को डर लगा रहेगा कि दस्तखत कर दिए, तो लोकपाल के तहत एक दारोगा जांच करेगा। प्रधानमंत्री की जांच तक दारोगा करेगा। केवल कांग्रेस-बीजेपी ईमानदार है और बाकी बेईमान हैं, ऐसा साबित किया जा रहा है। देश में कर्मचारी डर के कारण काम नहीं करेगा। कोई भी क्लर्क दस्तखत नहीं करेगा और देश में अराजकता फैलेगी। हमारी 10 साल पीछे की जांच होगी। गलत दिमाग का कोई अधिकारी हमें फंसा सकता है। आज ऐसा लग रहा है कि विपक्ष सरकार का पिछलग्गू हो गया है। सोनिया जी से मेरा आग्रह कि आप इसे वापस लीजिए। देश के बंटवारे के लिए काम करने वालों की बातों में न आइए। स्पीकर महोदय आप भी इसे वापस ले सकती हैं। हम इस बिल का बहिष्कार करते हैं।'
क्या बोले राहुल गांधीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकपाल का देश 45 साल से इंतजार कर रहा है। उन्होंने संसद के मौजूदा सत्र को बढ़ाकर करप्शन को रोकने के लिए पेंडिंग पड़े बिलों को पारित कराने का भी सुझाव दिया। राहुल ने कहा, 'लोकपाल बिल को पास करके हमारे पर इतिहास रचने का मौका है। मेरी सभी पार्टियों से एकजुट होकर एकमत से लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने की अपील है। आरटीआई ऐक्ट पहला कदम था। लोकपाल करप्शन के खिलाफ लड़ाई और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा। अकेले लोकपाल बिल से करप्शन खत्म नहीं हो सकता। इसके लिए ऐंटि करप्शन फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। यूपीए सरकार ने इस दिशा में काम किया है। हमें संसद का सत्र संपन्न होने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अधूरे पड़े कार्य को पूरा करना चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने वाले छह विधेयक (4 लोकसभा में और 2 राज्यसभा में) लंबित हैं। आवश्यकता हो तो क्या हम इस सत्र की अवधि नहीं बढ़ा सकते।
लोकसभा से बिल जैसे ही पास हुआ, सैकड़ों किलोमीटर दूर रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे खुशी से झूम उठे। उन्होंने मंच पर मौजूद किरण बेदी के साथ तिरंगा लहराकर खुशी का इजहार किया। अन्ना ने कहा कि इस बिल से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा, लेकिन 40 से 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार जरूर कम हो जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि कानून बनने से भर से काम नहीं होगा, इस पर अमल भी जरूरी है। उन्होंने लोगों से हमेशा जागरूक रहने और वॉचडॉग की भूमिका निभाने की अपील की। लोकपाल बिल लोकसभा में पास होने के बाद अन्ना ने 10 दिसंबर से चला आ रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया। अन्ना ने एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अनशन तोड़ा।
संशोधित लोकपाल विधेयक को बुधवार सुबह लोकसभा में पेश किया गया। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जहां इसका पुरजोर समर्थन किया, वहीं राज्यसभा में इस बिल पर बहस के दौरान वॉकआउट करने वाली समाजवादी पार्टी ने निचले सदन में भी इस बिल का विरोध किया। नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने लोकपाल बिल का पूरा क्रेडिट अन्ना हजारे को दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का क्रेडिट लेने के लिए कांग्रेस में होड़ मची है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हैं। लेकिन इसका पूरा श्रेय इसके लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे को जाता है, जो अनशन कर देश की आत्मा को बार-बार झकझोरते रहे।
लोकपाल बिल संसद से पास होने के बाद झूमे अन्ना
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बिल को देश पर 'कलंक' बताते हुए सदन से वॉकआउट का ऐलान किया। मुलायम बिल के विरोध में बोलते हुए सोनिया गांधी और स्पीकर मीरा कुमार से लेकर विपक्षी दलों तक इसे वापस लेने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने बिल का समर्थन करने लिए बीजेपी के सदस्यों को खूब खरी-खोटी भी सुनाई।
क्या कहा मुलायम ने : 'यह लोकपाल बिल खतरनाक है। यह पूरे देश को चौपट कर देगा। इतना डर हो जाएगा कि कोई अधिकारी कहीं दस्तखत नहीं करेगा। गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी। सभी को डर लगा रहेगा कि दस्तखत कर दिए, तो लोकपाल के तहत एक दारोगा जांच करेगा। प्रधानमंत्री की जांच तक दारोगा करेगा। केवल कांग्रेस-बीजेपी ईमानदार है और बाकी बेईमान हैं, ऐसा साबित किया जा रहा है। देश में कर्मचारी डर के कारण काम नहीं करेगा। कोई भी क्लर्क दस्तखत नहीं करेगा और देश में अराजकता फैलेगी। हमारी 10 साल पीछे की जांच होगी। गलत दिमाग का कोई अधिकारी हमें फंसा सकता है। आज ऐसा लग रहा है कि विपक्ष सरकार का पिछलग्गू हो गया है। सोनिया जी से मेरा आग्रह कि आप इसे वापस लीजिए। देश के बंटवारे के लिए काम करने वालों की बातों में न आइए। स्पीकर महोदय आप भी इसे वापस ले सकती हैं। हम इस बिल का बहिष्कार करते हैं।'
क्या बोले राहुल गांधीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकपाल का देश 45 साल से इंतजार कर रहा है। उन्होंने संसद के मौजूदा सत्र को बढ़ाकर करप्शन को रोकने के लिए पेंडिंग पड़े बिलों को पारित कराने का भी सुझाव दिया। राहुल ने कहा, 'लोकपाल बिल को पास करके हमारे पर इतिहास रचने का मौका है। मेरी सभी पार्टियों से एकजुट होकर एकमत से लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने की अपील है। आरटीआई ऐक्ट पहला कदम था। लोकपाल करप्शन के खिलाफ लड़ाई और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा। अकेले लोकपाल बिल से करप्शन खत्म नहीं हो सकता। इसके लिए ऐंटि करप्शन फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। यूपीए सरकार ने इस दिशा में काम किया है। हमें संसद का सत्र संपन्न होने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अधूरे पड़े कार्य को पूरा करना चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने वाले छह विधेयक (4 लोकसभा में और 2 राज्यसभा में) लंबित हैं। आवश्यकता हो तो क्या हम इस सत्र की अवधि नहीं बढ़ा सकते।
लोकसभा में लोकपाल बिल पारित होने के बाद ही तोड़ दूंगा अनशन : अन्ना
रालेगण सिद्धी (महाराष्ट्र) : राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित होने के बाद वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धी में जश्न का माहौल है। इस मौके पर अन्ना हजारे ने कहा कि लोकसभा में बुधवार को लोकपाल विधेयक के पारित होने के बाद ही वह अपना अनशन तोड़ देंगे।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। यह विधेयक संशोधनों के साथ राज्यसभा में पारित हुआ है। अब यह बिल पारित होने के लिए लोकसभा में जाएगा। लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा जिस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे।
राज्यसभा में इस बिल के पारित होते ही रालेगण सिद्धी में जश्न का माहौल शुरू हो गया। अन्ना समर्थक लोग खुशी से नाचने लगे। वहीं, अन्ना ने कहा कि गरीबों के लिए यह बहुत अच्छा कानून बना है। अन्ना हजारे ने विधेयक पारित होने पर पूरे देश को बधाई दी है।
अन्ना हजारे ने कहा कि बुधवार को लोकसभा में लोकपाल विधेयक के पारित होने के बाद वह अपना अनशन तोड़ देंगे। रालेगण में पूर्व आईपीएस किरन बेदी और जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे।
वीके सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ी जीत है। इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगेगा।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। यह विधेयक संशोधनों के साथ राज्यसभा में पारित हुआ है। अब यह बिल पारित होने के लिए लोकसभा में जाएगा। लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा जिस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे।
राज्यसभा में इस बिल के पारित होते ही रालेगण सिद्धी में जश्न का माहौल शुरू हो गया। अन्ना समर्थक लोग खुशी से नाचने लगे। वहीं, अन्ना ने कहा कि गरीबों के लिए यह बहुत अच्छा कानून बना है। अन्ना हजारे ने विधेयक पारित होने पर पूरे देश को बधाई दी है।
अन्ना हजारे ने कहा कि बुधवार को लोकसभा में लोकपाल विधेयक के पारित होने के बाद वह अपना अनशन तोड़ देंगे। रालेगण में पूर्व आईपीएस किरन बेदी और जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे।
वीके सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ी जीत है। इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगेगा।
अन्ना के अनशन का आठवां दिन, राहुल को लिखा पत्र
रालेगण सिद्धि: अन्ना हजारे ने संसद में लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ जताने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का धन्यवाद किया है और विधेयक में प्रवर समिति की सिफारिशें शामिल करने की मांग की है।
हजारे ने 15 दिसंबर को राहुल को लिखे पत्र में कहा कि देश को एक मजबूत लोकपाल का इंतजार है। यह पत्र आज मीडिया के लिए जारी किया गया। इस बीच जनलोकपाल विधेयक पारित करने की मांग को लेकर हजारे का अनशन आज आठवें दिन भी जारी है।
हजारे ने राहुल से कहा कि मैं संसद में विधेयक पारित कराने की आपकी प्रतिबद्धता का स्वागत करता हूं। कृपया यह सुनिश्चित करें कि प्रवर समिति ने जिन बिंदुओं को स्वीकृति दी है उन्हें भी विधेयक में शामिल किया जाए।
हजारे ने कहा कि इन बिंदुओं के अलावा यदि संसद अन्य प्रभावी बिंदुओं को भी शामिल करती है तो यह देशहित में होगा। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि अन्ना ने लोकपाल विधेयक पारित करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानने के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा के अरण जेटली को आभार व्यक्त करने के लिए पत्र भेजा है।इस बीच हजारे के सहयोगी सुरेश पठारे ने बताया कि हजारे का स्वास्थ्य बिगड़ गया है।
उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को अनशन शुरू होने से अब तक अन्ना का वजन काफी कम हो गया है। हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रणेता ने राज्यसभा में पेश संशोधित मसौदा लोकपाल विधेयक का स्वागत किया है लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘जोकपाल’ विधेयक कहकर खारिज कर दिया है।
हजारे ने कहा कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो मैं अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीब लोगों का हित होगा। केजरीवाल ने विधेयक और हजारे की स्वीकृति का विरोध करते हुए कहा है कि मैं बहुत हैरान हूं। अन्ना सरकारी लोकपाल विधेयक को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? सरकारी लोकपाल ‘जोकपाल’ है। उन्हें कौन गुमराह कर रहा है? हजारे ने समाजवादी पार्टी से अनुरोध किया है कि वह अपना समर्थन विधेयक को दे। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि सभी दल इसे समर्थन देंगे और यह पारित हो जाएगा।
हजारे ने 15 दिसंबर को राहुल को लिखे पत्र में कहा कि देश को एक मजबूत लोकपाल का इंतजार है। यह पत्र आज मीडिया के लिए जारी किया गया। इस बीच जनलोकपाल विधेयक पारित करने की मांग को लेकर हजारे का अनशन आज आठवें दिन भी जारी है।
हजारे ने राहुल से कहा कि मैं संसद में विधेयक पारित कराने की आपकी प्रतिबद्धता का स्वागत करता हूं। कृपया यह सुनिश्चित करें कि प्रवर समिति ने जिन बिंदुओं को स्वीकृति दी है उन्हें भी विधेयक में शामिल किया जाए।
हजारे ने कहा कि इन बिंदुओं के अलावा यदि संसद अन्य प्रभावी बिंदुओं को भी शामिल करती है तो यह देशहित में होगा। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि अन्ना ने लोकपाल विधेयक पारित करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानने के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा के अरण जेटली को आभार व्यक्त करने के लिए पत्र भेजा है।इस बीच हजारे के सहयोगी सुरेश पठारे ने बताया कि हजारे का स्वास्थ्य बिगड़ गया है।
उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को अनशन शुरू होने से अब तक अन्ना का वजन काफी कम हो गया है। हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रणेता ने राज्यसभा में पेश संशोधित मसौदा लोकपाल विधेयक का स्वागत किया है लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘जोकपाल’ विधेयक कहकर खारिज कर दिया है।
हजारे ने कहा कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो मैं अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीब लोगों का हित होगा। केजरीवाल ने विधेयक और हजारे की स्वीकृति का विरोध करते हुए कहा है कि मैं बहुत हैरान हूं। अन्ना सरकारी लोकपाल विधेयक को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? सरकारी लोकपाल ‘जोकपाल’ है। उन्हें कौन गुमराह कर रहा है? हजारे ने समाजवादी पार्टी से अनुरोध किया है कि वह अपना समर्थन विधेयक को दे। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि सभी दल इसे समर्थन देंगे और यह पारित हो जाएगा।
लोकपाल पर अन्ना हजारे का अनशन आज सातवें दिन भी जारी
संसद में जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने का दबाव बनाने लिए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे का अनिश्चितकालीन अनशन
आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया। उनके सहयोगी सुरेश पथारे ने बताया कि अनशन शुरू होने के बाद से अन्ना का 4.3 किलोग्राम वजन कम हो गया है।
हजारे दस दिसंबर से अनशन पर हैं। हजारे राज्यसभा में संशोधित लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं एक समय उनके करीबी रहे अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को जोकपाल बताकर इसे खारिज कर दिया है।
कल रालेगण सिद्धि में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा था कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीबों को फायदा होगा।
केजरीवाल ने विधेयक और हजारे के इसे स्वीकार करने पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कल कहा कि मुझे वास्तव में हैरानी हुई है। अन्ना कैसे सरकारी लोकपाल विधेयक स्वीकार कर सकते हैं। सरकारी लोकपाल एक जोकपाल है। कौन उन्हें गुमराह कर रहा है।
हजारे ने समाजवादी पार्टी से विधेयक का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि सभी दल इसका समर्थन करेंगे और यह पारित होगा।
आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया। उनके सहयोगी सुरेश पथारे ने बताया कि अनशन शुरू होने के बाद से अन्ना का 4.3 किलोग्राम वजन कम हो गया है।
हजारे दस दिसंबर से अनशन पर हैं। हजारे राज्यसभा में संशोधित लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं एक समय उनके करीबी रहे अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को जोकपाल बताकर इसे खारिज कर दिया है।
कल रालेगण सिद्धि में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा था कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीबों को फायदा होगा।
केजरीवाल ने विधेयक और हजारे के इसे स्वीकार करने पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कल कहा कि मुझे वास्तव में हैरानी हुई है। अन्ना कैसे सरकारी लोकपाल विधेयक स्वीकार कर सकते हैं। सरकारी लोकपाल एक जोकपाल है। कौन उन्हें गुमराह कर रहा है।
हजारे ने समाजवादी पार्टी से विधेयक का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि सभी दल इसका समर्थन करेंगे और यह पारित होगा।
अनशन के पांचवे दिन भी किरण बेदी अन्ना के साथ है
जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का साथ देने किरण बेदी बैठ रही हैं.
यह अन्ना के अनशन का पांचवां दिन है.
इससे पूर्व अन्ना का मंच ‘आप’ और अन्ना समर्थकों के बीच हुए विवाद के कारण आरोप- प्रत्यारोपों का अखाड़ा बन गया.
इस कारण अन्ना के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने पहुंचे आप नेता गोपाल राय को अन्ना ने गांव छोड़ कर चले जाने को कह दिया.गोपाल राय वहां से तो चले गए लेकिन उन्होंने कहा कि वह अनशन जारी रखेंगे.
चंदा बना दूरी का कारण
अन्ना और केजरीवाल के बीच मतभेद तब सामने आए थे जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के दौरान एकत्र चंदे से संबंधित एक सीडी में धन के दुरुपयोग का मामला उजागर हुआ था.
शुरुआत टीम अन्ना के अहम सदस्य जनरल वीके सिंह के यह कहने से हुई जब उन्होंने आप नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि अन्ना जी ने जब जन लोकपाल के लिए आंदोलन शुरू किया तो कई लोग उनके साथ रहे लेकिन बाद में उन्हें छोड़कर चले गए.
सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, कि अब वे लोग कहते हैं कि अन्ना की वजह से वो नहीं, बल्कि उनकी वजह से अन्ना हैं. वास्तविकता यह है कि अन्ना जी ने जो किया उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती.
अगर हमें अपने देश को आगे ले जाना है तो हमें एक होना चाहिए और अलग-अलग समूह तथा राजनीतिक दल नहीं बनाने चाहिए.
बस फिर क्या था वहां अन्ना के साथ अनशन करने पहुंचे और श्रोताओं में बैठे आप के नेता गोपाल राय बिफर पड़े. उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई. इस पर सिंह ने कहा आप बाद में बोल सकते हैं. लेकिन गोपाल राय हल्ला गुल्ला करते रहे और सिंह के भाषण के बीच टोका-टोकी जारी रखी. सिंह ने कहा, कि आप मुझे कुछ और बोलने पर मजबूर न करें. अपनी गलतफहमी और खुश फहमी को अपने पास रखें.
अन्ना ने गांव छोड़ने को कहा
विवाद बढ़ता देख अन्ना ने माइक संभाला और तल्ख लहजे में राय से अपनी नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कल भी आपसे अनशन नहीं करने को कहा था. आप बीच में क्यों बोल रहे हैं. आपसे सब लोग कह रहे हैं बीच में नहीं बोलें, लेकिन आप टोका-टोकी कर रहे हैं. अगर आपको शोर शराबा करना है तो गांव से बाहर जा सकते हैं. यहां नहीं बैठिए. जब लोग बोल रहे हैं तो उन्हें टोकना ठीक नहीं है. यह सिस्टम नहीं है.'
इसके बाद गोपाल राय वहां से चले गए और पार्टी हाईकमान के बुलावे पर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
यह अन्ना के अनशन का पांचवां दिन है.
इससे पूर्व अन्ना का मंच ‘आप’ और अन्ना समर्थकों के बीच हुए विवाद के कारण आरोप- प्रत्यारोपों का अखाड़ा बन गया.
इस कारण अन्ना के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने पहुंचे आप नेता गोपाल राय को अन्ना ने गांव छोड़ कर चले जाने को कह दिया.गोपाल राय वहां से तो चले गए लेकिन उन्होंने कहा कि वह अनशन जारी रखेंगे.
चंदा बना दूरी का कारण
अन्ना और केजरीवाल के बीच मतभेद तब सामने आए थे जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के दौरान एकत्र चंदे से संबंधित एक सीडी में धन के दुरुपयोग का मामला उजागर हुआ था.
शुरुआत टीम अन्ना के अहम सदस्य जनरल वीके सिंह के यह कहने से हुई जब उन्होंने आप नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि अन्ना जी ने जब जन लोकपाल के लिए आंदोलन शुरू किया तो कई लोग उनके साथ रहे लेकिन बाद में उन्हें छोड़कर चले गए.
सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, कि अब वे लोग कहते हैं कि अन्ना की वजह से वो नहीं, बल्कि उनकी वजह से अन्ना हैं. वास्तविकता यह है कि अन्ना जी ने जो किया उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती.
अगर हमें अपने देश को आगे ले जाना है तो हमें एक होना चाहिए और अलग-अलग समूह तथा राजनीतिक दल नहीं बनाने चाहिए.
बस फिर क्या था वहां अन्ना के साथ अनशन करने पहुंचे और श्रोताओं में बैठे आप के नेता गोपाल राय बिफर पड़े. उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई. इस पर सिंह ने कहा आप बाद में बोल सकते हैं. लेकिन गोपाल राय हल्ला गुल्ला करते रहे और सिंह के भाषण के बीच टोका-टोकी जारी रखी. सिंह ने कहा, कि आप मुझे कुछ और बोलने पर मजबूर न करें. अपनी गलतफहमी और खुश फहमी को अपने पास रखें.
अन्ना ने गांव छोड़ने को कहा
विवाद बढ़ता देख अन्ना ने माइक संभाला और तल्ख लहजे में राय से अपनी नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कल भी आपसे अनशन नहीं करने को कहा था. आप बीच में क्यों बोल रहे हैं. आपसे सब लोग कह रहे हैं बीच में नहीं बोलें, लेकिन आप टोका-टोकी कर रहे हैं. अगर आपको शोर शराबा करना है तो गांव से बाहर जा सकते हैं. यहां नहीं बैठिए. जब लोग बोल रहे हैं तो उन्हें टोकना ठीक नहीं है. यह सिस्टम नहीं है.'
इसके बाद गोपाल राय वहां से चले गए और पार्टी हाईकमान के बुलावे पर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
अन्ना के अनशन का आज चौथा दिन, अन्ना के आगे झुकी सरकार
महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में अण्णा हजारे के अनशन का आज चौथा दिन है। अन्ना की जिद के आगे सरकार झुकती नजर आ रही है। दो साल बाद आज आखिरकार लोकपाल बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया गया। बिल पेश करते ही एक तरफ सदन में हंगामा शुरू हो गया तो वहीँ अन्ना के गांव में जश्न का माहौल बन गया।
अन्ना पिछले चार दिन से अपने गांव रालेगण सिद्धि में लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। अन्ना के अनशन के समर्थन में आज पूर्व सेना अध्यक्ष वीके सिंह रालेगण सिद्धि पहुंचे थे। इस दौरान वीके सिंह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए अन्ना का फायदा उठाने का आरोप लगाया। इस पर अनशन में बैठे आप पार्टी के नेता गोपाल राय ने इसका विरोध किया। उनके
और वीके सिंह के बीच हलकी नोक झोक भी हुई। इसपर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे नाराज हो गए और उन्होंने गोपाल राय को डांटते हुए उन्हें गांव छोड़ने की नसीहत दे डाली। साथ ही अन्ना ने कहा कि उन्होंने कभी भी आप पार्टी को अनशन के लिए नहीं बुलाया था। अन्ना की फटकार के बाद गोपाल राय मंच से हट गए।
अन्ना की फटकार से नाराज 'आप' पार्टी नेता गोपाल राय ने रालेगण सिद्धि छोड़ने का फैसला कर लिया है। मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि वह अन्ना के साथ हमेशा खड़े हैं।
इस मामले के बाद जनलोकपाल के लिए रालेगण सिद्धि में अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की टीम में मतभेद खुलकर सामने आ गए।
इस बिल को भाजपा के साथ ही जदयू और एनसीपी समर्थन कर रहे हैं। सपा बिल का विरोध कर रही है। खास बात यह है कि इस बिल की चर्चा में आज सचिन भी अपने विचार रख सकते हैं।
इस बिल के पेश होते ही अन्ना के रालेगण सिद्धि में जश्न का माहौल बन गया है। अन्ना ने भी साफ कर दिया है कि अगर सरकार संसोधित बिल पास करवाती है तो वह अपने अनशन को छोड़ सकते हैं। इस बीच, हजारे के समर्थक उनके आंदोलन की हिमायत करने पुणे और औरंगाबाद जैसी जगहों से रालेगण सिद्धी पहुंचे हैं। अन्ना के अनशन को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने समर्थन देने का फैसला किया है।
अन्ना के अनशन के चौथे दिन आज एक बार फिर किरण बेदी जुड़ सकती हैं। कल से आप पार्टी नेता गोपाल राय भी अन्ना के समर्थन में रालेगण में रुके हुए हैं।
आज अनशन से पहले डॉक्टरों ने अन्ना की सेहत की जांच की। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना की सेहत ठीक है लेकिन उनका वजन तेजी से कम हो रहा है। अन्ना का हल्का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ है।
लोकपाल बिल पर चर्चा के लिए छह घंटे का समय तय किया गया है।' इससे पहले कल संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि 'लोकपाल बिल हमारी प्राथमिकता है।' यह बिल लोकसभा में एक बार पारित हो चुका है। राज्यसभा में विपक्ष के विरोध की वजह से अटक गया था।
अन्ना पिछले चार दिन से अपने गांव रालेगण सिद्धि में लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। अन्ना के अनशन के समर्थन में आज पूर्व सेना अध्यक्ष वीके सिंह रालेगण सिद्धि पहुंचे थे। इस दौरान वीके सिंह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए अन्ना का फायदा उठाने का आरोप लगाया। इस पर अनशन में बैठे आप पार्टी के नेता गोपाल राय ने इसका विरोध किया। उनके
और वीके सिंह के बीच हलकी नोक झोक भी हुई। इसपर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे नाराज हो गए और उन्होंने गोपाल राय को डांटते हुए उन्हें गांव छोड़ने की नसीहत दे डाली। साथ ही अन्ना ने कहा कि उन्होंने कभी भी आप पार्टी को अनशन के लिए नहीं बुलाया था। अन्ना की फटकार के बाद गोपाल राय मंच से हट गए।
अन्ना की फटकार से नाराज 'आप' पार्टी नेता गोपाल राय ने रालेगण सिद्धि छोड़ने का फैसला कर लिया है। मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि वह अन्ना के साथ हमेशा खड़े हैं।
इस मामले के बाद जनलोकपाल के लिए रालेगण सिद्धि में अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की टीम में मतभेद खुलकर सामने आ गए।
इस बिल को भाजपा के साथ ही जदयू और एनसीपी समर्थन कर रहे हैं। सपा बिल का विरोध कर रही है। खास बात यह है कि इस बिल की चर्चा में आज सचिन भी अपने विचार रख सकते हैं।
इस बिल के पेश होते ही अन्ना के रालेगण सिद्धि में जश्न का माहौल बन गया है। अन्ना ने भी साफ कर दिया है कि अगर सरकार संसोधित बिल पास करवाती है तो वह अपने अनशन को छोड़ सकते हैं। इस बीच, हजारे के समर्थक उनके आंदोलन की हिमायत करने पुणे और औरंगाबाद जैसी जगहों से रालेगण सिद्धी पहुंचे हैं। अन्ना के अनशन को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने समर्थन देने का फैसला किया है।
अन्ना के अनशन के चौथे दिन आज एक बार फिर किरण बेदी जुड़ सकती हैं। कल से आप पार्टी नेता गोपाल राय भी अन्ना के समर्थन में रालेगण में रुके हुए हैं।
आज अनशन से पहले डॉक्टरों ने अन्ना की सेहत की जांच की। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना की सेहत ठीक है लेकिन उनका वजन तेजी से कम हो रहा है। अन्ना का हल्का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ है।
लोकपाल बिल पर चर्चा के लिए छह घंटे का समय तय किया गया है।' इससे पहले कल संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि 'लोकपाल बिल हमारी प्राथमिकता है।' यह बिल लोकसभा में एक बार पारित हो चुका है। राज्यसभा में विपक्ष के विरोध की वजह से अटक गया था।
लोकपाल को लेकर अन्ना का अनशन तीसरे दिन भी जारी
आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि अन्ना हजारे अपने प्रस्तावित जनलोकपाल विधेयक के एक भी मुद्दे से पीछे हटें। गुरुवार को रालेगणसिद्धि पहुंचे 'आप' नेता कुमार विश्वास ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस को जनलोकपाल विधेयक का वहीं प्रस्ताव पास करवाना होगा, जो दो साल पहले जंतर-मंतर पर अन्ना के आंदोलन में प्रस्तावित किया गया था। पर्यावरणवादी कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी अन्ना के समर्थन में रालेगण सिद्धि पहुंच गई हैं।
कुमार विश्वास 'आप' के दो अन्य प्रमुख सदस्यों संजय सिंह एवं गोपाल राय के साथ रालेगणसिद्धि पहुंचे। रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे के आमरण अनशन का गुरुवार को तीसरा दिन था। जनलोकपाल विधेयक पारित कराने की मांग को लेकर मंगलवार से शुरू हुए अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर 'आप' के नेताओं को देखने के लिए अचानक भीड़ उमड़ पड़ी।
लेकिन इस भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 'आप' के खिलाफ नारेबाजी भी की। ये लोग अन्ना के अनशन में अब तक अरविंद केजरीवाल के न आने से नाराज थे। करीब ढाई घंटे अनशन स्थल पर रहने के बाद कुमार विश्वास अपने साथी संजय सिंह के साथ वापस लौट गए, जबकि गोपाल राय अन्ना के मंच के सामने ही अनशन पर बैठ गए हैं। चूंकि अन्ना हजारे अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को स्थान नहीं देना चाहते, इसलिए कुमार विश्वास ने मंच के नीचे से ही वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ये न समझे कि वह लोकपाल के नाम पर कोई भी विधेयक पास करके अन्ना को संतुष्ट कर देगी। उसे बिल्कुल वही विधेयक संसद में पास करवाना होगा, जो दो साल पहले अपने आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर पेश किया था।
माना जा रहा है कि कुमार विश्वास ने अन्ना के मंच के सामने से कांग्रेसनीत सरकार को यह चेतावनी देकर अन्ना और कांग्रेस के बीच होने वाली किसी भी संभावित बातचीत पर पानी फेर दिया है। जबकि कहा जा रहा था कि इस बार अन्ना हजारे कुछ संशोधन के साथ सरकार के लोकपाल विधेयक को मंजूरी दे देंगे। अपने अनशन स्थल पर कुमार विश्वास के यह याद दिलाने के बाद अन्ना का अपनी बात से पीछे हटना मुश्किल होगा। अन्ना के अनशन को समर्थन देने के लिए टीम अन्ना की पुरानी सहयोगी किरण बेदी पहले ही रालेगणसिद्धि पहुंच चुकी हैं। अनशन शुरू होने के तीसरे दिन अन्ना का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लेकिन उनके वजन में कुछ कमी जरूर आई है।
कुमार विश्वास 'आप' के दो अन्य प्रमुख सदस्यों संजय सिंह एवं गोपाल राय के साथ रालेगणसिद्धि पहुंचे। रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे के आमरण अनशन का गुरुवार को तीसरा दिन था। जनलोकपाल विधेयक पारित कराने की मांग को लेकर मंगलवार से शुरू हुए अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर 'आप' के नेताओं को देखने के लिए अचानक भीड़ उमड़ पड़ी।
लेकिन इस भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 'आप' के खिलाफ नारेबाजी भी की। ये लोग अन्ना के अनशन में अब तक अरविंद केजरीवाल के न आने से नाराज थे। करीब ढाई घंटे अनशन स्थल पर रहने के बाद कुमार विश्वास अपने साथी संजय सिंह के साथ वापस लौट गए, जबकि गोपाल राय अन्ना के मंच के सामने ही अनशन पर बैठ गए हैं। चूंकि अन्ना हजारे अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को स्थान नहीं देना चाहते, इसलिए कुमार विश्वास ने मंच के नीचे से ही वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ये न समझे कि वह लोकपाल के नाम पर कोई भी विधेयक पास करके अन्ना को संतुष्ट कर देगी। उसे बिल्कुल वही विधेयक संसद में पास करवाना होगा, जो दो साल पहले अपने आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर पेश किया था।
माना जा रहा है कि कुमार विश्वास ने अन्ना के मंच के सामने से कांग्रेसनीत सरकार को यह चेतावनी देकर अन्ना और कांग्रेस के बीच होने वाली किसी भी संभावित बातचीत पर पानी फेर दिया है। जबकि कहा जा रहा था कि इस बार अन्ना हजारे कुछ संशोधन के साथ सरकार के लोकपाल विधेयक को मंजूरी दे देंगे। अपने अनशन स्थल पर कुमार विश्वास के यह याद दिलाने के बाद अन्ना का अपनी बात से पीछे हटना मुश्किल होगा। अन्ना के अनशन को समर्थन देने के लिए टीम अन्ना की पुरानी सहयोगी किरण बेदी पहले ही रालेगणसिद्धि पहुंच चुकी हैं। अनशन शुरू होने के तीसरे दिन अन्ना का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लेकिन उनके वजन में कुछ कमी जरूर आई है।
अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी जनता : अन्ना
रालेगण सिद्धी (महाराष्ट्र) : दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ पार्टी को मिली कामयाबी पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस की धोखाधड़ी से ‘आप’ पार्टी को कामयाबी मिली। अन्ना हजारे ने कहा कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को सजा दी है।
ज़ी मीडिया से खास बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा, ‘उन्हें विश्वास की केजरीवाल इस टोपी की मान रखेंगे। केजरीवाल विपक्ष में बैठकर भी अच्छा काम करेंगे।’
अन्ना ने कहा कि वह पक्ष और पार्टी में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस से अपना गुस्सा निकाल रही है। अन्ना ने कहा कि शीला दीक्षित को हराना केजरीवाल की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने उनकी टोपी नहीं पहनी, बल्कि गांधी टोपी पहनी है। अन्ना हजारे ने कहा कि राजनीतिक दल भ्रष्टाचार को दिल से नहीं मिटाना चाहते।
केजरीवाल की पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से इंकार करने वाले हजारे ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के शानदार प्रदर्शन पर खुशी का इजहार किया। शीला दीक्षित पिछले 15 वर्षों से दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं।
‘आप’ के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर हजारे ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन है। देश की राजनीति का दिल्ली केन्द्र है। दिल्ली में सत्ता की कमान संभाले पार्टी को हाथ में महज एक झाडू लेकर हराना कोई आसान बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस पुराने दल (कांग्रेस) के पास काफी धन है। मुझे खुशी है कि ऐसी स्थिति में भी उनकी पार्टी को 24 सीटों पर विजय मिलती दिख रही है।’’
अपने गांव रालेगण सिद्धी में पत्रकारों के साथ बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस की धोखाधड़ी से ‘आप’ पार्टी को कामयाबी मिली। अन्ना हजारे ने कहा कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को सजा दी है।
अन्ना हजारे ने कहा कि राजीतिक दल अच्छा कानून नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी सबक सिखाएगी। अन्ना हजारे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह देश भर में भ्रमण करेंगे लेकिन किसी पार्टी का प्रचार नहीं करेंगे।
ज़ी मीडिया से खास बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा, ‘उन्हें विश्वास की केजरीवाल इस टोपी की मान रखेंगे। केजरीवाल विपक्ष में बैठकर भी अच्छा काम करेंगे।’
अन्ना ने कहा कि वह पक्ष और पार्टी में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस से अपना गुस्सा निकाल रही है। अन्ना ने कहा कि शीला दीक्षित को हराना केजरीवाल की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने उनकी टोपी नहीं पहनी, बल्कि गांधी टोपी पहनी है। अन्ना हजारे ने कहा कि राजनीतिक दल भ्रष्टाचार को दिल से नहीं मिटाना चाहते।
केजरीवाल की पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से इंकार करने वाले हजारे ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के शानदार प्रदर्शन पर खुशी का इजहार किया। शीला दीक्षित पिछले 15 वर्षों से दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं।
‘आप’ के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर हजारे ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन है। देश की राजनीति का दिल्ली केन्द्र है। दिल्ली में सत्ता की कमान संभाले पार्टी को हाथ में महज एक झाडू लेकर हराना कोई आसान बात नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस पुराने दल (कांग्रेस) के पास काफी धन है। मुझे खुशी है कि ऐसी स्थिति में भी उनकी पार्टी को 24 सीटों पर विजय मिलती दिख रही है।’’
अपने गांव रालेगण सिद्धी में पत्रकारों के साथ बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस की धोखाधड़ी से ‘आप’ पार्टी को कामयाबी मिली। अन्ना हजारे ने कहा कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को सजा दी है।
अन्ना हजारे ने कहा कि राजीतिक दल अच्छा कानून नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी सबक सिखाएगी। अन्ना हजारे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह देश भर में भ्रमण करेंगे लेकिन किसी पार्टी का प्रचार नहीं करेंगे।
अन्ना ने फिर भरी हुंकार, लोकपाल के लिए 10 दिसंबर से करेंगे बेमियादी अनशन
रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर जनलोकपाल बिल के लिए अनशन करेंगे। अन्ना इस बार अपना आंदोलन अपने ही क्षेत्र राणेगण सिद्धि में करेंगे।
anna hazare, Janlokpal bill, Ralegan Siddhi |
अन्ना मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए 10 दिसंबर से यादव बाबा मंदिर में अनिश्चतकालीन अनशन करेंगे। अपने आंदोलन के बारे में घोषणा करते हुए हजारे ने केंद्र से 5 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने के लिए साहस दिखाने को कहा है।
हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक खत लिखकर भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक लाने में केंद्र सरकार की नाकामी पर नाराजगी जाहिर की थी। सामाजिक कार्यकर्ता ने बातचीत में आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ के अभाव में यह विधेयक लटका हुआ है। हजारे को अपने जवाबी पत्र में संसदीय मामलों के मंत्री वी नारायण सामी ने लोकपाल विधेयक लाने की दिशा में सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बताया। हजारे ने कहा कि उन्हें मंगलवार को नारायणसामी का पत्र मिला।
सरकार की कोशिशों पर नाखुशी जाहिर करते हुए हजारे ने कहा कि पिछले दो साल से संवाद हो रहा है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। इससे पहले, केंद्र ने आश्वस्त किया था कि विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। प्रवर समिति ने इसे 23 नवंबर 2012 को मंजूरी दे दी थी लेकिन मानसून सत्र में भी कुछ नहीं हुआ।’
अन्ना हजारे ने कहा कि अब देश परिणाम चाहता है, वजह नहीं और इसलिए मैं भूख हड़ताल करने जा रहा हूं। हजारे ने बताया कि आंदोलन यहां होगा, दिल्ली के रामलीला मैदान में नहीं। उन्होंने लोगों से विधेयक का रास्ता बनाने के लिए अहिंसक तरीके से सरकार पर दवाब बढाने का भी आह्वान किया।
वर्ष 2011 में जनलोकपाल आंदोलन की पृष्ठभूमि में बढ़ते जन दबाव के बीच केंद्र ने लोकसभा में लोकपाल विधेयक को पारित कर दिया था। राज्यसभा से यह अब तक पारित नहीं हुआ है। गौरतलब है कि हजारे ने कहा था कि लोकसभा द्वारा पारित विधेयक और जनलोकपाल विधेयक के मसौदे में काफी अंतर है।
पीएमओ के चिठ्ठी को अण्णा का जबाब...
Date: 26/11/2013
To,
Honorable,
Shri. Manmohan Sinhji,
Prime Minister,
Government of India.
Sub: - With reference to the letter received on 25 th November, sent by your office on 28 th October………..
Dear Sir,
I received a letter of Shri. V. Naranasamy, sent by your office. I felt disheartened to read the letter. I am writing to you since last two years regarding passing of the Janlokpal Bill. Neither you nor your government has taken any constructive steps to bring the Janlokpal bill. For last two years, the citizens of India are being fooled in this regard. You have mentioned in your letter that, the selected committee of Rajya Sabha, after reviewing the recommendations of Lokpal & Lokaayukta Bill, the Central Government had directed the Rajya Sabha Secretariat to put forth the Bill in Rajya Sabha for further recommendations.
It was decided to pass the Bill in the Budget Session of the Rajya Sabha. But the Bill was not tabled in this Session. You have not mentioned any specific reason for this, in your letter. The Selected Committee of Rajya Sabha had sent its report on 23 rd. November 2012. After receiving this report on 23 rd. November 2012, this Bill was expected to be discussed in the Budget Session of Rajya Sabha, but unfortunately this did not happen.
The Bill was not discussed in the Monsoon Session too, without any reason. You had assured in your letter that the Bill would be passed in the Monsoon Session, but the Bill was not discussed. It’s a rare possibility that the Janlokpal & Lokaayukta Bills would be discussed in the Winter Session either. You & your party members are every now & then give assurances to the citizens, that they are committed to bring a strong Lokpal to eradicate the corruption from India. But unfortunately, this is not happening in reality.
You all are promising the countrymen for your commitment to bring the Janlokpal Bill, but for past two years it is not passed. The selected committee of Rajya Sabha had submitted its report on 23 rd. November 2012. Only discussion was remaining to be done in the Rajya Sabha, but for last two years it was not done, this is beyond my understanding. You have mentioned there are two colors for this Bill, one supporting & other opposing.
After having these two colors in your government too, you all have succeeded in passing the Bills like, Land Acquisition Bill, Food Security Bill, Pension Bill, Bill to allow the members to contest election from jail, Presidents election etc. Rajya Sabha has highest members of your party. The Selected Committee of Rajya Sabha is headed by your party. It’s not impossible at all to pass the Bill, if you all had a will to do so; hereby you are continuously fooling the citizens of India.
You also have mentioned this Bill is of national importance & therefore it is essential that it be discussed in the house in a Democratic way, before passing the Bill. This Bill was passed in the Loksabha, with consent, in a single day. In the Rajya Sabha Selected Committee has been established for this, which had submitted its report on 30 th. November. It gets stuck at this place, which replicates a question mark on willpower of the government. Only the discussion is remaining in Rajya Sabha, for this, period of one year has passed; it clearly indicates lack of willpower on governments’ part.
In every letter you insist that, the government is continuously making efforts to pass the Lokpal & Lokaayukta Bills as soon as possible. These assurances have completed a year, but so far Lokpal & Lokaayukta Bills are not passed. I had written to you earlier that, you are fooling us continuously regarding the Janlokpal Bill, therefore I would show protest on the Ramleela Maidan on the very first day of the Winter Session.
I have gone through an operation recently. My health is not sound; the Doctors have strictly advised me not to travel. So I would begin my protest from some other place. I would write to you in my next letter regarding the place.
Yours,
K. B. Alias Anna Hazare.
अन्ना, मनमोहन |
To,
Honorable,
Shri. Manmohan Sinhji,
Prime Minister,
Government of India.
Sub: - With reference to the letter received on 25 th November, sent by your office on 28 th October………..
Dear Sir,
I received a letter of Shri. V. Naranasamy, sent by your office. I felt disheartened to read the letter. I am writing to you since last two years regarding passing of the Janlokpal Bill. Neither you nor your government has taken any constructive steps to bring the Janlokpal bill. For last two years, the citizens of India are being fooled in this regard. You have mentioned in your letter that, the selected committee of Rajya Sabha, after reviewing the recommendations of Lokpal & Lokaayukta Bill, the Central Government had directed the Rajya Sabha Secretariat to put forth the Bill in Rajya Sabha for further recommendations.
It was decided to pass the Bill in the Budget Session of the Rajya Sabha. But the Bill was not tabled in this Session. You have not mentioned any specific reason for this, in your letter. The Selected Committee of Rajya Sabha had sent its report on 23 rd. November 2012. After receiving this report on 23 rd. November 2012, this Bill was expected to be discussed in the Budget Session of Rajya Sabha, but unfortunately this did not happen.
The Bill was not discussed in the Monsoon Session too, without any reason. You had assured in your letter that the Bill would be passed in the Monsoon Session, but the Bill was not discussed. It’s a rare possibility that the Janlokpal & Lokaayukta Bills would be discussed in the Winter Session either. You & your party members are every now & then give assurances to the citizens, that they are committed to bring a strong Lokpal to eradicate the corruption from India. But unfortunately, this is not happening in reality.
You all are promising the countrymen for your commitment to bring the Janlokpal Bill, but for past two years it is not passed. The selected committee of Rajya Sabha had submitted its report on 23 rd. November 2012. Only discussion was remaining to be done in the Rajya Sabha, but for last two years it was not done, this is beyond my understanding. You have mentioned there are two colors for this Bill, one supporting & other opposing.
After having these two colors in your government too, you all have succeeded in passing the Bills like, Land Acquisition Bill, Food Security Bill, Pension Bill, Bill to allow the members to contest election from jail, Presidents election etc. Rajya Sabha has highest members of your party. The Selected Committee of Rajya Sabha is headed by your party. It’s not impossible at all to pass the Bill, if you all had a will to do so; hereby you are continuously fooling the citizens of India.
You also have mentioned this Bill is of national importance & therefore it is essential that it be discussed in the house in a Democratic way, before passing the Bill. This Bill was passed in the Loksabha, with consent, in a single day. In the Rajya Sabha Selected Committee has been established for this, which had submitted its report on 30 th. November. It gets stuck at this place, which replicates a question mark on willpower of the government. Only the discussion is remaining in Rajya Sabha, for this, period of one year has passed; it clearly indicates lack of willpower on governments’ part.
In every letter you insist that, the government is continuously making efforts to pass the Lokpal & Lokaayukta Bills as soon as possible. These assurances have completed a year, but so far Lokpal & Lokaayukta Bills are not passed. I had written to you earlier that, you are fooling us continuously regarding the Janlokpal Bill, therefore I would show protest on the Ramleela Maidan on the very first day of the Winter Session.
I have gone through an operation recently. My health is not sound; the Doctors have strictly advised me not to travel. So I would begin my protest from some other place. I would write to you in my next letter regarding the place.
Yours,
K. B. Alias Anna Hazare.
यदि कोई कह रहा है अन्ना-केजरीवाल के बीच लड़ाई है तो ये गलत है
नई दिल्ली/रालेगण सिद्धि। अन्ना हजारे का एक वीडियो सामने आया है। इसने अरविंद केजरीवाल और उनके बीच के मतभेद उजागर कर दिए हैं। वीडियो में अन्ना जनलोकपाल आंदोलन के दौरान जमा हुए पैसे के बारे में सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, बुधवार को वे सफाई देते नजर आए। अन्ना ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को कभी भ्रष्ट नहीं कहा। उधर, केजरीवाल ने कहा कि वीडियो सामने आने से बहुत दुख हुआ है। अन्ना और केजरीवाल के बीच जारी गतिरोध बुधवार को और गहरा गया। आप (आम आदमी पार्टी) ने सुबह आपात बैठक की।
इसमें वीडियो और इसके सामने आने के बाद की नई परिस्थितियों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर केजरीवाल के खिलाफ साजिश रच रही हैं। चुनावों से ठीक पहले सीडी जारी करना इसका संकेत है।
इसमें वीडियो और इसके सामने आने के बाद की नई परिस्थितियों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर केजरीवाल के खिलाफ साजिश रच रही हैं। चुनावों से ठीक पहले सीडी जारी करना इसका संकेत है।
...तो चुनाव नहीं लडूंगा
वीडियो से दुखी केजरीवाल ने कहा, 'हम सच के लिए लड़ रहे हैं। मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरी सारी जांच करा लें। यदि एक भी पैसे का हेरफेर मिलता है तो मैं चुनाव से नाम वापस ले लूंगा।' वहीं, अन्ना ने कहा, 'यदि कोई कह रहा है कि केजरीवाल और अन्ना के बीच लड़ाई चल रही है तो यह गलत है। मैंने कभी नहीं कहा कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं। मैंने सिर्फ यह कहा था कि आंदोलन के दौरान कई करोड़ रुपए इकट्ठा हुए थे। लेकिन मैंने उसमें से एक भी रुपया नहीं लिए। मैंने यह नहीं कहा कि पैसा केजरीवाल ने ले लिया।'
अन्ना के आरोपों का जवाब दें केजरीवाल : भाजपा
इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि जो लोग ईमानदार होने का दावा कर रहे थे उन पर उनके गुरु ही आरोप लगा रहे हैं। केजरीवाल को अन्ना के सवालों का साफ जवाब देना चाहिए।
क्या है सीडी में :
मंगलवार को जो वीडियो सामने आया वह दिसंबर 2012 का बताया जा रहा है। इसमें अन्ना कह रहे हैं, 'आंदोलन के दौरान करीब तीन करोड़ रुपए जमा हुए लेकिन मैंने एक रुपया नहीं लिया।Ó अन्ना के पूर्व ब्लॉगर राजू पारुलेकर का दावा है कि अन्ना की मांग थी कि इस रकम में से उन्हें हिस्सा चाहिए। लेकिन इसकी सीडी बना ली गई और केजरीवाल अब अन्ना को ब्लैकमेल कर रहे हैं।
यह सीडी विरोधी दलों की नयी चाल है. यह ग़लतफहमी पिछले साल ही दूर कर ली थी
अरविंद केजरीवाल मेरा दुश्मन नहीं है : अन्ना
Anna Hazaare - Kejriwal - Delhi Elections |
अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, "हम दुश्मन नहीं हैं। मुझे नहीं पता वह मुझसे बात करना चाहते हैं। मैं अरविंद केजरीवाल से बात करने को तैयार हूं।"
केजरीवाल को लिखे अपने पत्र पर स्पष्टीकरण देते हुए हजारे ने कहा, "मुझे बताया गया था कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के दौरान मेरे नाम पर सिम कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी बिक्री से कोष एकत्र जुटाए गए। इससे मेरा कोई संबंध नहीं है।"
हजारे ने कहा, "मैंने महसूस किया कि मेरे नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है, इसलिए मैंने पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा। पैसों में मेरी कोई रुचि नहीं है, केवल मेरे नाम का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।"
अन्ना ने अपने गांव रालेगण सिद्धी में मीडिया से बातचीत में अब कहा कि मेरे नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है। आम आदमी पार्टी क्यों दावा कर रही है कि 29 दिसंबर को दिल्ली में अन्ना के जनलोकपाल बिल को लागू किया जाएगा।
इसके अलावा अन्ना ने उनके नाम पर जारी किए गए सिम कार्ड को भी फिर से उठाया है। अन्ना ने अरविंद केजरीवाल की तरफ से पार्टी के कामकाज के लिए रखे गए पदाधिकारियों को दिए गए वेतन पर भी सवाल दागा है।
वहीं अरविंद केजरीवाल ने आज कहा है कि उन्होंने अपने गुरु (अन्ना) से बात करने की कई बार कोशिश की है, लेकिन बीच के कुछ आदमियों ने ऐसा नहीं होने दिया। अन्ना पर केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा है कि अन्ना को गुमराह करने के पीछे कांग्रेस और बीजेपी का हाथ है।
उधर, अन्ना के उठाए गए सवालों का जवाब लेकर रालेगणसिद्धी गए कुमार विश्वास ने कहा कि अन्ना के पास दिल्ली से कुछ गलत पोस्टर पहुंचाए गए, जिससे पूरा विवाद सामने आया। उन्होंने कहा कि यह किसी षडयंत्र का हिस्सा है। अन्ना जल्द ही अरविंद केजरीवाल से बात भी करेंगे।
वहीं अरविंद केजरीवाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी उनके खिलाफ साजिश कर रही है।
केजरीवाल ने बताया कि अन्ना ने पूछा कि आंदोलन के पैसे का क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि वह आंदोलन के दौरान ही खत्म हो गया था। इसके साथ ही चंदे का पूरा ब्यौरा हमारी वेबसाइट पर मौजूद है। मेरे पूरे पैसे की जांच करवा लें। अगर मैं दोषी हुआ तो चुनाव नहीं लड़ूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि जहां तक अन्ना कार्ड के पैसों की बात है तो उससे 9 लाख रुपये इकट्ठे हुए थे, वे पैसे पहले ही खर्च हो चुके थे।
गौरतलब है कि समाजसेवी अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि मुझे पता चला है कि आपका सारा अभियान इस तरह चलाया जा रहा है कि जैसे कि उसे मेरा समर्थन हो।
इसके जवाब में केजरीवाल ने अन्ना को जवाब दिया कि आपकी मनाही के बाद किसी भी प्रचार में न आपकी तस्वीर है, न आपका जिक्र। केजरीवाल ने लिखा कि इसमें सिर्फ 2011 के अन्ना आंदोलन की बात है।
अन्ना ने पूछा कि आंदोलन के पैसे का क्या हुआ, वह चुनाव में तो नहीं जा रहा, केजरीवाल जवाब देते हैं कि आपसे बार−बार चर्चा हुई, आपने बार−बार ऑडिटिंग कराई, फिर ये सवाल क्यों? उसका कोई पैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा। पैसों से जुड़ा सारा ब्यौरा साइट पर मौजूद है।
इसके अलावा केजरीवाल से अन्ना ने ऐतराज जताया था कि आपने जन लोकपाल बिल पास करने का वादा किया है, जो सिर्फ लोकसभा कर सकती है, यह विधानसभा के दायरे में नहीं आता।
लोकपाल बिल को पास कराने के मुद्दे पर केजरीवाल ने अन्ना को लिखा कि आपने उत्तराखंड और महाराष्ट्र में इस बिल का समर्थन किया, हम वही दिल्ली में कर रहे हैं और हमने इससे अलग कोई वादा नहीं किया है।
केजरीवाल पर काली स्याही फेंकने वाले को मैं नहीं जानता, यह बीजेपी कि चाल है : अन्ना
केजरीवाल पर काली स्याही फेंकने वाले को मैं नहीं जानता,यह बीजेपी कि चाल है : अन्ना |
हजारे ने कहा, 'मैं हंगामा करने वाले व्यक्ति को नहीं जानता हूं। जब मैंने समाचार देखा तो उसमें वह बीजेपी का एक कार्यकर्ता होने का दावा कर रहा था। मैं नहीं जानता कि यह व्यक्ति कौन है।'
बीजेपी कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने सोमवार को केजरीवाल और उनके पार्टी सहयोगियों पर काली स्याही फेंककर आम आदमी पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में खलल डाला था, जिसके बाद पुलिस उसे धारा 448, 504, और 34 के तहत अरेस्ट कर संसद मार्ग थाने ले गई। हालांकि, जमानती धाराओं में केस दर्ज होने की वजह से उसे रात करीब 1 बजे जमानत पर छोड़ दिया गया।
खुद को महाराष्ट्र के अहमदनगर की बीजेपी इकाई का महासचिव बताने वाले नचिकेता वाघरेकर का कहना था कि वह अन्ना हजारे का प्रशंसक है। उसने केजरीवाल पर अन्ना और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री को चिठ्ठी...वर्षाकालीन सत्र में जन लोकपाल पारित करो : अण्णा हजारे।
सेवा में,
सम्माननीय श्रीमान् मनमोहन सिंह जी
प्रधान मंत्री,
भारत सरकार सस्नेह वन्दे।
आपके कार्यालय द्वारा श्री वी नारायण सामी जी द्वारा लिखित 24 जुलाई 2013 का पत्र प्राप्त हुआ। वर्षा कालीन सत्र में संसद में लोकपाल बिल लाने का आश्वासन आपने दिया है। ठीक है। वर्षा कालीन सत्र में यदि बिल पारित नहीं हो पाया तो मजबूरन शीत कालीन के सत्र के प्रथम दिवस से रामलीला मैदान में मेरा अनशन आरम्भ होगा। पत्र में आप लिखते हैं कि ‘‘आपको विदित होगा कि लोकपाल व लोकआयुक्त बिल लोक सभा में 27 दिसम्बर 2011 पारित हो चुका है। यही बिल बहस हेतु 29 दिसम्बर 2011 को राज्य सभा में प्रस्तुत किया गया, लेकिन उस पर राज्यसभा में ठोस निर्णय नहीं हो पाया। 25 मई 2011 को राज्य सभा ने यह बिल निरीक्षण अध्ययन हेतु एक कमेटी को सौंपा। उक्त कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 23 नवम्बर 2012 को दी। ’’ पत्र में आपने यह भी बताया है कि ‘‘आपको सूचित करना चाहता हूं कि इस रिपोर्ट के प्राप्त होने पर केन्द्र सरकार ने राज्य सभा के सचिव को लोकपाल व लोक आयुक्त बिल 2011 में उक्त रिपोर्ट में किये गए सुझाव व सिफारिशों के अनुसार अधिकृत संशोधन करने हेतु तथा राज्य सभा के बजट सत्र में बिल को पारित कराने हेतु आवश्यक निर्देश भी दिये। किन्तु बजट सत्र में यह बिल नहीं आ पाया।’’
मेरे दिल में कुछ सवाल जो उठ रहे हैं...। रामलीला मैदान में जब मेरा अनशन चल रहा था, तब जन लोकपाल के समर्थन में देश भर में से करोडों की संख्या में लोग सडक पर उतर आये थे। अनशन के 12 दिन होने पर 27 अगस्त 2011 को संसद में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। प्रधान मन्त्री जी, आपने ख़ुद मुझे अपना हस्ताक्षरांकित पत्र भेज कर अनशन छोडने का आग्रह किया था। शीघ्रातिशीघ्र जन लोकपाल बिल लाने का आश्वासन भी आपने दिया था। आपके आश्वासन व लोक सभा के प्रस्ताव पर पूरा भरोसा रख कर मैंने अनशन समाप्त भी किया। मुझे अफसोस है कि इस बात को दो वर्ष पुरे हो रहे है। अब तक जन लोकपाल बिल का कोई अता पता नहीं है। आप पत्र में लिखते हैं कि लोक सभा में सर्व सम्मति से बिल पारित हुआ। तत्पश्चात् राज्य सभा में 29 दिसम्बर 2011 को भेजा गया, लेकिन उस पर ठोस निर्णय नहीं हो पाया। अतीव दु:ख की बात है कि जिस मॉंग को ले कर देश की जनता करोडों की संख्या में सडक पर उतर आती है, उस पर राज्य सभा में बिल आ कर भी कुछ भी नहीं हो रहा है? इस बारे में सार्थक प्रयास करने में सरकार नाकाम रही है यह बात साफ है। इस लिए बिल आने में देर हो चुकी है।
पत्र में आपने यह भी लिखा है कि राज्य सभा द्वारा नियुक्त कमेटी ने अत्यधिक विलम्ब के बाद 23 नवम्बर 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट मिलने पर केन्द्र सरकार ने राज्य सभा के सचिव महोदय को लोकपाल व लोक आयुक्त बिल 2011 में उक्त रिपोर्ट के अनुसार अधिकृत संशोधन ला कर राज्य सभा के बजट सत्र में बिल को पारित कराने हेतु आवश्यक निर्देश भी दिये। किन्तु बजट सत्र में यह बिल नहीं आ पाया। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सभा के सचिव को बजट सत्र में बिल पारित कराने हेतु आवश्यक निर्देश दिये जाने के बावजूद राज्य सभा सचिव द्वारा बिल राज्य सभा में बजट सत्र में नहीं पेश किया जाता है। क्यों कि हो सकता है कि सघन प्रयास करने से सरकार या तो बगलें झॉंकती रही हो, अथवा तो यह भी सम्भव है कि ख़ुद सरकार ही को इस बिल के पारित कराने में दिलचस्पी नहीं रही होगी।
फिर एक बार आपने इस पत्र में आश्वासन दिया है कि वर्षा कालीन सत्र में इस बिल को लाने के प्रयास जारी हैं। दो साल की प्रदीर्घ अवधि बीतने के पश्चात् भी फिर से आप मात्र आश्वासित ही करना चाहते हैं कि वर्षाकालीन सत्र में बिल लायेंगे। बार बार आश्वासन दिये जाते रहे हैं और उन पर अमल नहीं होता। अब तो इन आश्वासनों पर से भी मेरा भरोसा उठता जा रहा है। इसी लिए मैंने फैसला कर लिया है कि यदि आश्वासन के मुताबिक अब वर्षा कालीन सत्र में बिल नहीं आया तो मजबूर हो कर शीत कालीन सत्र के पहले ही दिन से मैं दिल्ली के रामलीला मैदान में अपना अनशन आरम्भ कर दूंगा।
धन्यवाद।
भवदीय,
(कि. बा. उपनाम अण्णा हज़ारे)
आजादी के समय बर्खास्त होनी थीं सभी पार्टियां : अन्ना
अन्ना हजारे |
लोकपाल बिल एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम चला रहे गांधीवादी व सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पिछले दिनों जबलपुर पहुंचे. जबलपुर में उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि देश के संविधान में पार्टियों का कोई उल्लेख नहीं है. अन्ना ने कहा कि पार्टियों ने जनतंत्र का अतिक्रमण किया है. आजादी के समय ही इन पार्टियों को बर्खास्त कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोगों के साथ धोखाध़डी की है. ये पार्टियां कभी भी देश का भला कर ही नहीं सकतीं. अन्ना ने बताया कि आज भी देश में अंग्रेजों के बनाए कानून चल रहे हैं. अब आजादी की दूसरी लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि अंगे्रजों को देश छो़डे 67 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी अंग्रेजो का ही कानून चल रहा है. गोरों की जगह काले अफसरों का राज चल रहा है. कांग्रेस ने संविधान के विरुद्घ चुनाव कराया और जनतंत्र को नेस्तनाबूत कर दिया. लोकपाल बिल पर उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल को लेकर कांग्रेस ने धोखा दिया है. जब तक कांगे्रस लोकपाल बिल नहीं लाती, तब तक वह इसके लिए आंदोलन जारी रखेंगे. अन्ना ने कहा कि 5-6 माह बाद वे दिल्ली में अनशन पर बैठेंगे और लोकपाल बिल को लेकर सरकार के खिलाफ आर-पार की ल़डाई ल़डेंगे. अन्ना ने कहा कि लोकपाल पर सरकार के धोखे के कारण ही उन्हें जनतंत्र यात्रा पर निकलना पड़ा.
सिवनी में लोगों को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि मैं पिछले साल 40 साल से अपने घर नहीं गया. मेरे भाई के लड़कों का मुझे नाम तक नहीं मालूम. मेरे लिए देश सर्वोपरि है. इसी के लिए ही मैं जिऊंगा और देश के लिए ही मरूंगा. अन्ना ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ल़डने के प्रति गंभीर नहीं है. आए दिन नये घोटाले सामने आ रहे हैं. उत्तराखंड आपदा में बरती जाने वाली लापरवाहियों पर भी अन्ना ने सरकार और उसके अधिकारियों द्वारा खूब लता़डा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते बचाव और राहत कार्य तेज किया होता, तो बदइंजामी के कारण इतनी मौतें नहीं हुई होतीं. अन्ना को सुनने के लिए लोगों का हुजूम उम़ड प़डा था. इस दौरान लोगों ने अन्ना से अपनी समस्याओ के बारे में भी बताया. किसानों ने अन्ना से अपनी परेशानियों के बारे में भी बताया.
उत्तराखंड सम्बंधित अन्ना का प्रधानमंत्री को पत्र
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
उत्तराखंड की विभीषीका को आपने स्वयं देखा है, लेकिन अब जो समाचार आ रहे हैं, वे दिल दहला देने वाले हैं. तीन हजार से 15 हजार तक लोग मर चुके हैं, ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है. इस दैवीय आपदा में चारों धाम के तीर्थयात्री मरे हैं, पर उत्तराखंड की सरकार उन लोगों को अपनी सूची में शामिल नहीं कर रही है, जो स्थानीय निवासी थे. मैं अभी संपूर्ण उत्तराखंड की यात्रा से आया हूं और मैंने वहां इंफ्रास्ट्रक्चर की न केवल खस्ता हालात देखी है. बल्कि यह भी देखा है कि किस तरह से देख-रेख में लापरवाही बरती जा रही है. घाटियों में बसे गांव के गांव बह गए और गांव में रहने वाले लोगों की बड़ी संख्या इस आपदा का शिकार हो गई. यह बेहद दुखदायी है. इस भयानक स्थिति के बाद भी आपने उत्तराखंड की इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप तत्काल उत्तराखंड में राष्ट्रीय आपदा घोषित करें, ताकि सरकारें अपने दायित्वो की गंभीरता को समझ सकें और प्राथमिकता के तौर पर इससे निपटने का इंतजाम कर सकें. इस आपदा का सामना करने में भारत की जनता को भी आगे आना चाहिए और मैं उनसे भी अपील करता हूं कि वे उत्तराखंड में अपनी जी-जान लगा कर लोगों की सहायता करें.
प्रधानमंत्री जी, यह आपदा दैवीय नहीं है, बल्कि यह आपदा मानवीय है. न सरकारों ने ध्यान दिया और न जनता ने. बेरहमी के साथ पेड़ काटे गए, बालू निकाली गई, खुदाई की गई और नदियों में मलवा और कचरा डाला गया. इस वजह ने प्रकृति को परेशान किया, जिसकी वजह से नदियों में बाढ़ आई, जिसने हजारों को लील लिया. पर्यावरण हमारे यहां सेमिनार या फैशन की चीज बनी हुई है, जबकि सरकार को चाहिए कि वह इसे आम जनता की जिंदगी का हिस्सा बनाए. लोगों को इस बात के लिए तैयार किया जाए कि अगर पर्यावरण शुद्ध नहीं हुआ, तो जनता इसी तरह की विभीषिकाएं और झेलेगी. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप आपदा प्रबंधन की संपूर्ण व्यवस्था के बारे में दोबारा सोचिए. लेकिन अभी भीषण बारिश के दो महीने बाकी हैं, उसमें क्या होगा, इसकी चिंता सरकारों में दिखाई नहीं देती. मेरा आपसे अनुरोध है कि आप सभी राज्य सरकारों से कहें कि वह गंगा और यमुना सहित सारी नदियों की सेहत सुधारने के लिए तत्काल काम शुरू करें. मैं आपको विनम्रता से चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर आज चूक हुई तो कल ये नदियां पहाड़ों के साथ मैदान में भी तांडव लीला करेंगी.
मैं देश की सभी स्वयंसेवी संस्थाओं से यह अनुरोध करता हूं कि वे उत्तराखंड में आए हुए संकट निवारण के लिए मानवता की दृष्टि से प्रयास करें. प्रधानमंत्री जी, मुझे बहुत सारे उत्तराखंड के लोगों ने कहा है कि आपके द्वारा भेजी गई सहायता राशि और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा दी गई सहायता राशि खर्च करते वक्त भारी भ्रष्टाचार हो सकता है. इसकी निगरानी की व्यवस्था की जाए, ताकि बाढ़ के बाद के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की थोड़ी भी गुंजाइश न रहे. मुझे डर है कि अगर ऐसा न हुआ, तो उत्तराखंड के बहादुर लोग आपकी सरकारों से निराश हो जाएंगे. मैं यह पत्र इस आशा से आपको लिख रहा हूं कि आप बिना विलंब किए उत्तराखंड के लोगों के बचाव, उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और उनके लिए रोजगार के अवसर जुटाने के काम को प्राथमिकता देंगे.
धन्यवाद
आपका
कि. बा. तथा अण्णा हजारे,
रालेगणसिद्धी.
अक्तुबर 2013 से रामलीला पर अनशन...
‘सरकार ने जनलोकपाल कानून के बारे में 120 करोड जनता को धोखा दिया’
इसलिए अक्तुबर 2013 में फिर रामलीला मैदान पर अनशन।
भ्रष्टाचार दिन ब दिन बढता ही जा रहा है। जीवन जीना सामान्य जनता के लिए मुश्किल होरहा है। विकास कार्य के लिए गॉंवों में खर्च किये जा रहे रुपये में से बढते जा रहे भ्रष्टाचार के कारण10 पैसे तक भी गॉंव के विकास में नहीं लग रहे हैं। भ्रष्टाचार को रोक लगाने हेतु हम पिछले 25सालों से प्रयास कर रहे हैं। ‘‘सूचना का अधिकार’’ के लिए 1995 से आन्दोलन चला, तब जा करमहाराष्ट्र राज्य में सन् 2002 में तथा सन् 2005 में देश भर में यह कानून लागू हुआ।
जनलोकपाल कानून बने इस लिए भारत सरकार से मॉंग की। इस मॉंग को ले कर 16 अगस्त2011 से दिल्ली के रामलिला मैदान में अनशन शुरु किया। देशवासियों ने इस अनशन का अच्छाखासा समर्थन किया। करोडों की तादाद में लोग सडक पर उतर आए। उनमें युवा शक्ति का योगदानखास तौर पर सराहनीय रहा। अनशन के 11 दिन पूरे होने पर संसद में सर्व सम्मति से एकरेज़ोल्यूशन पारित हुआ। प्रधान मन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी ने लिखित आश्वासन दिया जिसमें लिखागया था कि संसद में सर्व सम्मति से रेज़ोल्यूशन पास हुआ है, अब हम जल्द से जल्द जनलोकपालकानून बनाएंगे। आप अनशन छोड दें। निम्न लिखित तीन बिन्दुओं पर संसद की सहमति हो गई है-
1.अ, ब, क, ड सभी वर्ग के सरकारी अधिकारी/कर्मचारी जनलोकपाल के दायरे में लाएंगे।
2.सभी राज्यों में सशक्त लोकायुक्त कानून बनवाएंगे।
3.जनता की सनद। हर सरकारी दफ्तर के बाहर उस दफ्तर में होने वाले काम कोकितने दिन लगेंगे इसकी सूचना प्रदर्शित की जाएगी। उक्त समय में यदि जनता का काम नहीं होपाया तो सम्बन्धित अधिकारी पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
संसद में पारित रेज़ोल्यूशन और तदनुसार प्रधान मन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का लिखितआश्वासन इन पर विश्वास कर मैंने अपना 13 दिवसीय अनशन समाप्त किया। इस बात को अब दोसाल पूरे हो रहे हैं। अब तक जनलोकपाल कानून नहीं बना। यह जनलोकपाल की मॉंग मेरे खुद केलिए तो नहीं थी। देश की जनता के लिए थी। सरकार ने न स़िर्फ अण्णा हज़ारे के साथ बल्कि मैंमानता हूं कि देश की 120 करोड जनता के साथ धोखाधडी की है। इसीलिए मैंने प्रधान मन्त्री जी कोपत्र लिख भेजा है कि आपने देश की जनता के साथ धोखाधडी की है।
इस धोखाधडी के निषेध में रामलीला मैदान पर मैं अक्टूबर माह में फिर से अनशन करने जारहा हूं। जब तक इस शरीर में प्राण हैं, तब तक मैं अनशन करता रहूंगा। यह एक लम्बी लडाई है जोहम सभी को मिल कर लडनी होगी। आप सबसे मैं इस लडाई में जुड जाने का अनुरोध करता हूं।
आपसे सम्पर्क बना रहे इस हेतु कृपया आपका पूरा पता, ईमेल (यदि हो तो), आपकाबायो डाटा, व्यावसायिक जानकारी आदि पूरा ब्यौरा पत्र द्वारा भेजने का कष्ट करें। ता कि जबजब आंदोलन होंगे उससे पहले आपसे संपर्क कर सकें। आप के साथ साथ और भी समविचारीकार्यकर्ता इस आंदोलन से जुडना चाहते हैं उन सभी कार्यकर्ताओं की जानकारी, नाम-पता, मोबाईलनंबर, मेल आयडी भेजने का कष्ट करें। ता कि यह आजादी कि दुसरी लडाई में हम सफल हो।धन्यवाद।
आप इस नंबर पर एसएमएस कर सकते है। 99 235 99 234
वेबसाईट – http://www.joinannahazare.org.in
पता – भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास,
रालेगणसिद्धी, ता. पारनेर, जि. अहमदनगर, महाराष्ट्र, 414302.
Subscribe to:
Posts (Atom)