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लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी, 9 दिनों के बाद अन्ना हजारे ने तोड़ा अनशन

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करप्शन के खिलाफ कड़े प्रावधानों वाले चार दशक से लटके लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा से पास होने के बाद बुधवार को संशोधित बिल को लोकसभा ने ध्वनिमत से 30 मिनट में पास कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकपाल बिल को अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। लोकपाल और लोकायुक्त बिल 2011 दो साल से राज्यसभा में लटका हुआ था। राज्यसभा मंगलवार को कुछ संशोधनों के साथ इसे पारित कर चुकी थी, बुधवार को लोकसभा ने भी समाजवादी पार्टी के वॉकआउट के बीच इस पर अपनी मुहर लगा दी।

लोकसभा से बिल जैसे ही पास हुआ, सैकड़ों किलोमीटर दूर रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे खुशी से झूम उठे। उन्होंने मंच पर मौजूद किरण बेदी के साथ तिरंगा लहराकर खुशी का इजहार किया। अन्ना ने कहा कि इस बिल से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा, लेकिन 40 से 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार जरूर कम हो जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि कानून बनने से भर से काम नहीं होगा, इस पर अमल भी जरूरी है। उन्होंने लोगों से हमेशा जागरूक रहने और वॉचडॉग की भूमिका निभाने की अपील की। लोकपाल बिल लोकसभा में पास होने के बाद अन्ना ने 10 दिसंबर से चला आ रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया। अन्ना ने एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अनशन तोड़ा।

संशोधित लोकपाल विधेयक को बुधवार सुबह लोकसभा में पेश किया गया। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जहां इसका पुरजोर समर्थन किया, वहीं राज्यसभा में इस बिल पर बहस के दौरान वॉकआउट करने वाली समाजवादी पार्टी ने निचले सदन में भी इस बिल का विरोध किया। नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने लोकपाल बिल का पूरा क्रेडिट अन्ना हजारे को दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का क्रेडिट लेने के लिए कांग्रेस में होड़ मची है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हैं। लेकिन इसका पूरा श्रेय इसके लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे को जाता है, जो अनशन कर देश की आत्मा को बार-बार झकझोरते रहे।


लोकपाल बिल संसद से पास होने के बाद झूमे अन्ना

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बिल को देश पर 'कलंक' बताते हुए सदन से वॉकआउट का ऐलान किया। मुलायम बिल के विरोध में बोलते हुए सोनिया गांधी और स्पीकर मीरा कुमार से लेकर विपक्षी दलों तक इसे वापस लेने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने बिल का समर्थन करने लिए बीजेपी के सदस्यों को खूब खरी-खोटी भी सुनाई।

क्या कहा मुलायम ने : 'यह लोकपाल बिल खतरनाक है। यह पूरे देश को चौपट कर देगा। इतना डर हो जाएगा कि कोई अधिकारी कहीं दस्तखत नहीं करेगा। गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी। सभी को डर लगा रहेगा कि दस्तखत कर दिए, तो लोकपाल के तहत एक दारोगा जांच करेगा। प्रधानमंत्री की जांच तक दारोगा करेगा। केवल कांग्रेस-बीजेपी ईमानदार है और बाकी बेईमान हैं, ऐसा साबित किया जा रहा है। देश में कर्मचारी डर के कारण काम नहीं करेगा। कोई भी क्लर्क दस्तखत नहीं करेगा और देश में अराजकता फैलेगी। हमारी 10 साल पीछे की जांच होगी। गलत दिमाग का कोई अधिकारी हमें फंसा सकता है। आज ऐसा लग रहा है कि विपक्ष सरकार का पिछलग्गू हो गया है। सोनिया जी से मेरा आग्रह कि आप इसे वापस लीजिए। देश के बंटवारे के लिए काम करने वालों की बातों में न आइए। स्पीकर महोदय आप भी इसे वापस ले सकती हैं। हम इस बिल का बहिष्कार करते हैं।'

क्या बोले राहुल गांधीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकपाल का देश 45 साल से इंतजार कर रहा है। उन्होंने संसद के मौजूदा सत्र को बढ़ाकर करप्शन को रोकने के लिए पेंडिंग पड़े बिलों को पारित कराने का भी सुझाव दिया। राहुल ने कहा, 'लोकपाल बिल को पास करके हमारे पर इतिहास रचने का मौका है। मेरी सभी पार्टियों से एकजुट होकर एकमत से लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने की अपील है। आरटीआई ऐक्ट पहला कदम था। लोकपाल करप्शन के खिलाफ लड़ाई और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा। अकेले लोकपाल बिल से करप्शन खत्म नहीं हो सकता। इसके लिए ऐंटि करप्शन फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। यूपीए सरकार ने इस दिशा में काम किया है। हमें संसद का सत्र संपन्न होने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अधूरे पड़े कार्य को पूरा करना चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने वाले छह विधेयक (4 लोकसभा में और 2 राज्यसभा में) लंबित हैं। आवश्यकता हो तो क्या हम इस सत्र की अवधि नहीं बढ़ा सकते।