भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना जी का शुभकामना पत्र अरविंद केजरीवाल को

अन्ना जी का शुभकामना पत्र  अरविंद केजरीवाल को 

अन्ना ने केजरीवाल को भेजा शुभकामना संदेश

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अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली नहीं जा रहे हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एक मेल भेज कर शुभकामनाएं दी हैं। अन्ना ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए शपथ ने न जा पाने में असमर्थता जताई है। केजरीवाल जिस रामलीला मैदान में शपथ लेंगे उसी रामलीला मैदान में अन्ना ने साल 2011 में जनलोकपाल के लिए 12 दिन का उपवास रखा था। उस समय केजरीवाल उनके करीबी सहयोगी हुआ करते थे।

28 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने के सवाल पर हजारे ने कहा, 'मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अन्ना में मेल भेज कर केजरीवाल को शुभकामनाएं दी हैं।अन्ना ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि केजरीवाल अच्छा काम करेंगे।

केजरीवाल ने अन्ना द्वारा शुभकामनाएं भेजने पर कहा कि, "अन्ना हमारे माननीय रहे हैं और उनकी शुभकामनाएं सर आंखों पर है।"

अरविंद केजरीवाल के कहने पर दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन की ओर से अन्ना हजारे को शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भेजा गया है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक केजरीवाल की तरफ से 4 लोगों को निमंत्रण भेजने के लिए कहा गया था। इनमें उनकी पूर्व सहयोगी डॉ़ किरण बेदी, एडमिरल रामदास व कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन सभी को निमंत्रण भेज दिया गया है।

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विकिलीक्स के सौजन्य से 


केजरीवाल के शपथ समारोह में आएंगे अन्ना हजारे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना जतायी है।
 
अन्ना हजारे ने अपने गांव महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा कि अगर उनकी तबीयत ठीक रही तो वह  केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं है।
   
आप विधायक दल के नेता अरविंद केजरीवाल 28 दिसंबर को रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। केजरीवाल के साथ कुछ कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता अन्ना हजारे के अलावा पूर्वपुलिस अधिकारी किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे को भी भेजा जाने वाला है। पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने पार्टी से उन लोगों की सूची मांगी थी। जिन्हें आधिकारिक तौर पर न्यौता भेजा जाना है और पार्टी की ओर से अन्ना हजारे, किरण बेदी और न्यायमूर्ति संतोष हेगडे का नाम दिया गया है।

अरविंद केजरीवाल को मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद: अन्ना

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने की घोषणा के पहले अन्ना हजारे ने राज्य में सरकार बनाने के लिए केजरीवाल को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दे दिया है। सोमवार को केजरीवाल ने उप राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल हमेशा से ही अन्ना को अपना गुरु मानते हैं और उनसे चुनाव जीतने के लिए आशीर्वाद भी मांगा था जिसे अन्ना ने अस्वीकार कर दिया था। अन्ना ने केजरीवाल से उस समय दूरी बना ली थी, जब उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया था।

अन्ना हजारे ने दिल्ली चुनाव में शीला दीक्षि‍त को हराकर चुनाव जीतने पर भी केजरीवाल को शुभकामनाएं दी थीं जिसके बाद से अन्ना और केजरीवाल के बीच चली आ रही मतभेद में कमी आ गई थी। अन्ना ने एक बार फिर दिल्ली की जनता की केजरीवाल के पक्ष में ज्यादा राय देखकर ही उन्हें शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया है।

अन्ना के आंदोलन ने लोकतंत्र के नए आयाम खोले हैं : राष्ट्रपति


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संसद द्वारा लोकपाल विधेयक पारित किए जाने के एक दिन बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अन्ना हजारे ने जिस तरह का आन्दोलन किया, उस तरह के आन्दोलनों ने लोकतान्त्रिक ढाँचों के नए आयाम खोले हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

राष्ट्रपति ने कहा कि महज 10 साल पहले कोई सामाजिक कार्यकर्ताओं, गैर-सरकारी संगठनों के बारे में सोचता तक नहीं था़। अब वे सिर्फ़ यही माँग नहीं करते कि लोगों के हित की रक्षा के लिए खास तरह का कानून लागू कीजिए बल्कि वे इस बात पर भी ज़ोर देते हैं कि आपको किस तरह का मॉडल या किस तरह का ढाँचा अपनाना है।

लोकपाल विधेयक पारित होने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें राजी होना पड़ता है। हम आज इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे पिछले दो साल से भी ज़्यादा समय से अपना आन्दोलन चला रहे थे।
 अन्ना हजारे के आन्दोलन के बाबत अपना अनुभव साझा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दो साल पहले जब यह आन्दोलन अपने चरम पर था तो प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने अन्ना से बातचीत करने के लिए गठित मन्त्री-समूह की अध्यक्षता करने को कहा था। प्रणब ने बताया कि वियतनाम दौरे के दौरान भी उनसे पूछा गया कि वह आन्दोलन से किस तरह निपटेंगे।

लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी, 9 दिनों के बाद अन्ना हजारे ने तोड़ा अनशन

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करप्शन के खिलाफ कड़े प्रावधानों वाले चार दशक से लटके लोकपाल बिल को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा से पास होने के बाद बुधवार को संशोधित बिल को लोकसभा ने ध्वनिमत से 30 मिनट में पास कर दिया। इसके साथ ही लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकपाल बिल को अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। लोकपाल और लोकायुक्त बिल 2011 दो साल से राज्यसभा में लटका हुआ था। राज्यसभा मंगलवार को कुछ संशोधनों के साथ इसे पारित कर चुकी थी, बुधवार को लोकसभा ने भी समाजवादी पार्टी के वॉकआउट के बीच इस पर अपनी मुहर लगा दी।

लोकसभा से बिल जैसे ही पास हुआ, सैकड़ों किलोमीटर दूर रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे खुशी से झूम उठे। उन्होंने मंच पर मौजूद किरण बेदी के साथ तिरंगा लहराकर खुशी का इजहार किया। अन्ना ने कहा कि इस बिल से भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा, लेकिन 40 से 50 प्रतिशत भ्रष्टाचार जरूर कम हो जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि कानून बनने से भर से काम नहीं होगा, इस पर अमल भी जरूरी है। उन्होंने लोगों से हमेशा जागरूक रहने और वॉचडॉग की भूमिका निभाने की अपील की। लोकपाल बिल लोकसभा में पास होने के बाद अन्ना ने 10 दिसंबर से चला आ रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया। अन्ना ने एक बच्ची के हाथों जूस पीकर अनशन तोड़ा।

संशोधित लोकपाल विधेयक को बुधवार सुबह लोकसभा में पेश किया गया। मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जहां इसका पुरजोर समर्थन किया, वहीं राज्यसभा में इस बिल पर बहस के दौरान वॉकआउट करने वाली समाजवादी पार्टी ने निचले सदन में भी इस बिल का विरोध किया। नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने लोकपाल बिल का पूरा क्रेडिट अन्ना हजारे को दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल का क्रेडिट लेने के लिए कांग्रेस में होड़ मची है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हैं। लेकिन इसका पूरा श्रेय इसके लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे को जाता है, जो अनशन कर देश की आत्मा को बार-बार झकझोरते रहे।


लोकपाल बिल संसद से पास होने के बाद झूमे अन्ना

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बिल को देश पर 'कलंक' बताते हुए सदन से वॉकआउट का ऐलान किया। मुलायम बिल के विरोध में बोलते हुए सोनिया गांधी और स्पीकर मीरा कुमार से लेकर विपक्षी दलों तक इसे वापस लेने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने बिल का समर्थन करने लिए बीजेपी के सदस्यों को खूब खरी-खोटी भी सुनाई।

क्या कहा मुलायम ने : 'यह लोकपाल बिल खतरनाक है। यह पूरे देश को चौपट कर देगा। इतना डर हो जाएगा कि कोई अधिकारी कहीं दस्तखत नहीं करेगा। गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी। सभी को डर लगा रहेगा कि दस्तखत कर दिए, तो लोकपाल के तहत एक दारोगा जांच करेगा। प्रधानमंत्री की जांच तक दारोगा करेगा। केवल कांग्रेस-बीजेपी ईमानदार है और बाकी बेईमान हैं, ऐसा साबित किया जा रहा है। देश में कर्मचारी डर के कारण काम नहीं करेगा। कोई भी क्लर्क दस्तखत नहीं करेगा और देश में अराजकता फैलेगी। हमारी 10 साल पीछे की जांच होगी। गलत दिमाग का कोई अधिकारी हमें फंसा सकता है। आज ऐसा लग रहा है कि विपक्ष सरकार का पिछलग्गू हो गया है। सोनिया जी से मेरा आग्रह कि आप इसे वापस लीजिए। देश के बंटवारे के लिए काम करने वालों की बातों में न आइए। स्पीकर महोदय आप भी इसे वापस ले सकती हैं। हम इस बिल का बहिष्कार करते हैं।'

क्या बोले राहुल गांधीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकपाल का देश 45 साल से इंतजार कर रहा है। उन्होंने संसद के मौजूदा सत्र को बढ़ाकर करप्शन को रोकने के लिए पेंडिंग पड़े बिलों को पारित कराने का भी सुझाव दिया। राहुल ने कहा, 'लोकपाल बिल को पास करके हमारे पर इतिहास रचने का मौका है। मेरी सभी पार्टियों से एकजुट होकर एकमत से लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने की अपील है। आरटीआई ऐक्ट पहला कदम था। लोकपाल करप्शन के खिलाफ लड़ाई और अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा। अकेले लोकपाल बिल से करप्शन खत्म नहीं हो सकता। इसके लिए ऐंटि करप्शन फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। यूपीए सरकार ने इस दिशा में काम किया है। हमें संसद का सत्र संपन्न होने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अधूरे पड़े कार्य को पूरा करना चाहिए। भ्रष्टाचार से लड़ने वाले छह विधेयक (4 लोकसभा में और 2 राज्यसभा में) लंबित हैं। आवश्यकता हो तो क्या हम इस सत्र की अवधि नहीं बढ़ा सकते।

लोकसभा में लोकपाल बिल पारित होने के बाद ही तोड़ दूंगा अनशन : अन्ना

रालेगण सिद्धी (महाराष्ट्र) : राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित होने के बाद वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धी में जश्न का माहौल है। इस मौके पर अन्ना हजारे ने कहा कि लोकसभा में बुधवार को लोकपाल विधेयक के पारित होने के बाद ही वह अपना अनशन तोड़ देंगे।

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। यह विधेयक संशोधनों के साथ राज्यसभा में पारित हुआ है। अब यह बिल पारित होने के लिए लोकसभा में जाएगा। लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा जिस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे।

राज्यसभा में इस बिल के पारित होते ही रालेगण सिद्धी में जश्न का माहौल शुरू हो गया। अन्ना समर्थक लोग खुशी से नाचने लगे। वहीं, अन्ना ने कहा कि गरीबों के लिए यह बहुत अच्छा कानून बना है। अन्ना हजारे ने विधेयक पारित होने पर पूरे देश को बधाई दी है।

अन्ना हजारे ने कहा कि बुधवार को लोकसभा में लोकपाल विधेयक के पारित होने के बाद वह अपना अनशन तोड़ देंगे। रालेगण में पूर्व आईपीएस किरन बेदी और जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे।

वीके सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ी जीत है। इससे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम लगेगा। 

अन्ना के अनशन का आठवां दिन, राहुल को लिखा पत्र

रालेगण सिद्धि: अन्ना हजारे ने संसद में लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ जताने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का धन्यवाद किया है और विधेयक में प्रवर समिति की सिफारिशें शामिल करने की मांग की है।
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हजारे ने 15 दिसंबर को राहुल को लिखे पत्र में कहा कि देश को एक मजबूत लोकपाल का इंतजार है। यह पत्र आज मीडिया के लिए जारी किया गया। इस बीच जनलोकपाल विधेयक पारित करने की मांग को लेकर हजारे का अनशन आज आठवें दिन भी जारी है।

हजारे ने राहुल से कहा कि मैं संसद में विधेयक पारित कराने की आपकी प्रतिबद्धता का स्वागत करता हूं। कृपया यह सुनिश्चित करें कि प्रवर समिति ने जिन बिंदुओं को स्वीकृति दी है उन्हें भी विधेयक में शामिल किया जाए।

हजारे ने कहा कि इन बिंदुओं के अलावा यदि संसद अन्य प्रभावी बिंदुओं को भी शामिल करती है तो यह देशहित में होगा। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि अन्ना ने लोकपाल विधेयक पारित करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानने के लिए कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा के अरण जेटली को आभार व्यक्त करने के लिए पत्र भेजा है।इस बीच हजारे के सहयोगी सुरेश पठारे ने बताया कि हजारे का स्वास्थ्य बिगड़ गया है।

उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को अनशन शुरू होने से अब तक अन्ना का वजन काफी कम हो गया है। हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रणेता ने राज्यसभा में पेश संशोधित मसौदा लोकपाल विधेयक का स्वागत किया है लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘जोकपाल’ विधेयक कहकर खारिज कर दिया है।

हजारे ने कहा कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो मैं अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीब लोगों का हित होगा। केजरीवाल ने विधेयक और हजारे की स्वीकृति का विरोध करते हुए कहा है कि मैं बहुत हैरान हूं। अन्ना सरकारी लोकपाल विधेयक को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? सरकारी लोकपाल ‘जोकपाल’ है। उन्हें कौन गुमराह कर रहा है? हजारे ने समाजवादी पार्टी से अनुरोध किया है कि वह अपना समर्थन विधेयक को दे। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि सभी दल इसे समर्थन देंगे और यह पारित हो जाएगा। 

लोकपाल पर अन्ना हजारे का अनशन आज सातवें दिन भी जारी

संसद में जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने का दबाव बनाने लिए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे का अनिश्चितकालीन अनशन
आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया। उनके सहयोगी सुरेश पथारे ने बताया कि अनशन शुरू होने के बाद से अन्ना का 4.3 किलोग्राम वजन कम हो गया है।
   
हजारे दस दिसंबर से अनशन पर हैं। हजारे राज्यसभा में संशोधित लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं एक समय उनके करीबी रहे अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को जोकपाल बताकर इसे खारिज कर दिया है।
   
कल रालेगण सिद्धि में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा था कि मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा। इस विधेयक से देश के गरीबों को फायदा होगा।
   
केजरीवाल ने विधेयक और हजारे के इसे स्वीकार करने पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कल कहा कि मुझे वास्तव में हैरानी हुई है। अन्ना कैसे सरकारी लोकपाल विधेयक स्वीकार कर सकते हैं। सरकारी लोकपाल एक जोकपाल है। कौन उन्हें गुमराह कर रहा है।
   
हजारे ने समाजवादी पार्टी से विधेयक का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि सभी दल इसका समर्थन करेंगे और यह पारित होगा।

अनशन के पांचवे दिन भी किरण बेदी अन्ना के साथ है

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जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का साथ देने किरण बेदी बैठ रही हैं.

यह अन्ना के अनशन का पांचवां दिन है.

इससे पूर्व अन्ना का मंच ‘आप’ और अन्ना समर्थकों के बीच हुए विवाद के कारण आरोप- प्रत्यारोपों का अखाड़ा बन गया.

इस कारण अन्ना के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने पहुंचे आप नेता गोपाल राय को अन्ना ने गांव छोड़ कर चले जाने को कह दिया.गोपाल राय वहां से तो चले गए लेकिन उन्होंने कहा कि वह अनशन जारी रखेंगे.
चंदा बना दूरी का कारण

अन्ना और केजरीवाल के बीच मतभेद तब  सामने आए थे जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के दौरान एकत्र चंदे से संबंधित एक सीडी में धन के दुरुपयोग का मामला उजागर हुआ था.

शुरुआत टीम अन्ना के अहम सदस्य जनरल वीके सिंह के यह कहने से हुई जब उन्होंने आप नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि अन्ना जी ने जब जन लोकपाल के लिए आंदोलन शुरू किया तो कई लोग उनके साथ रहे लेकिन बाद में उन्हें छोड़कर चले गए.

सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, कि अब वे लोग कहते हैं कि अन्ना की वजह से वो नहीं, बल्कि उनकी वजह से अन्ना हैं. वास्तविकता यह है कि अन्ना जी ने जो किया उसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती.

अगर हमें अपने देश को आगे ले जाना है तो हमें एक होना चाहिए और अलग-अलग समूह तथा राजनीतिक दल नहीं बनाने चाहिए.

बस फिर क्या था वहां अन्ना के साथ अनशन करने पहुंचे और श्रोताओं में बैठे आप के नेता गोपाल राय बिफर पड़े. उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई. इस पर सिंह ने कहा आप बाद में बोल सकते हैं. लेकिन गोपाल राय हल्ला गुल्ला करते रहे और सिंह के भाषण के बीच टोका-टोकी जारी रखी. सिंह ने कहा, कि आप मुझे कुछ और बोलने पर मजबूर न करें. अपनी गलतफहमी और खुश फहमी को अपने पास रखें.

अन्ना ने गांव छोड़ने को कहा

विवाद बढ़ता देख अन्ना ने माइक संभाला और तल्ख लहजे में राय से अपनी नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कल भी आपसे अनशन नहीं करने को कहा था. आप बीच में क्यों बोल रहे हैं. आपसे सब लोग कह रहे हैं बीच में नहीं बोलें, लेकिन आप टोका-टोकी कर रहे हैं. अगर आपको शोर शराबा करना है तो गांव से बाहर जा सकते हैं. यहां नहीं बैठिए. जब लोग बोल रहे हैं तो उन्हें टोकना ठीक नहीं है. यह सिस्टम नहीं है.'

इसके बाद गोपाल राय वहां से चले गए और पार्टी हाईकमान के बुलावे पर वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

अन्ना के अनशन का आज चौथा दिन, अन्ना के आगे झुकी सरकार

महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में अण्णा हजारे के अनशन का आज चौथा दिन है। अन्ना की जिद के आगे सरकार झुकती नजर आ रही है। दो साल बाद आज आखिरकार लोकपाल बिल को राज्यसभा में पेश कर दिया गया। बिल पेश करते ही एक तरफ सदन में हंगामा शुरू हो गया तो वहीँ अन्ना के गांव में जश्न का माहौल बन गया। 

अन्ना पिछले चार दिन से अपने गांव रालेगण सिद्धि में लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। अन्ना के अनशन के समर्थन में आज पूर्व सेना अध्यक्ष वीके सिंह रालेगण सिद्धि पहुंचे थे। इस दौरान वीके सिंह ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए अन्ना का फायदा उठाने का आरोप लगाया। इस पर अनशन में बैठे आप पार्टी के नेता गोपाल राय ने इसका विरोध किया। उनके
और वीके सिंह के बीच हलकी नोक झोक भी हुई। इसपर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे नाराज हो गए और उन्होंने गोपाल राय को डांटते हुए उन्हें गांव छोड़ने की नसीहत दे डाली। साथ ही अन्ना ने कहा कि उन्होंने कभी भी आप पार्टी को अनशन के लिए नहीं बुलाया था। अन्ना की फटकार के बाद गोपाल राय मंच से हट गए।

अन्ना की फटकार से नाराज 'आप' पार्टी नेता गोपाल राय ने रालेगण सिद्धि छोड़ने का फैसला कर लिया है। मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने कहा कि वह अन्ना के साथ हमेशा खड़े हैं।   

इस मामले के बाद जनलोकपाल के लिए रालेगण सिद्धि में अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की टीम में मतभेद खुलकर सामने आ गए।    

इस बिल को भाजपा के साथ ही जदयू और एनसीपी समर्थन कर रहे हैं। सपा बिल का विरोध कर रही है। खास बात यह है कि इस बिल की चर्चा में आज सचिन भी अपने विचार रख सकते हैं। 

इस बिल के पेश होते ही अन्ना के रालेगण सिद्धि में जश्न का माहौल बन गया है। अन्ना ने भी साफ कर दिया है कि अगर सरकार संसोधित बिल पास करवाती है तो वह अपने अनशन को छोड़ सकते हैं। इस बीच, हजारे के समर्थक उनके आंदोलन की हिमायत करने पुणे और औरंगाबाद जैसी जगहों से रालेगण सिद्धी पहुंचे हैं। अन्ना के अनशन को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने समर्थन देने का फैसला किया है। 

अन्ना के अनशन के चौथे दिन आज एक बार फिर किरण बेदी जुड़ सकती हैं। कल से आप पार्टी नेता गोपाल राय भी अन्ना के समर्थन में रालेगण में रुके हुए हैं।  

आज अनशन से पहले डॉक्टरों ने अन्ना की सेहत की जांच की। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना की सेहत ठीक है लेकिन उनका वजन तेजी से कम हो रहा है। अन्ना का हल्का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ है।

लोकपाल बिल पर चर्चा के लिए छह घंटे का समय तय किया गया है।' इससे पहले कल संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि 'लोकपाल बिल हमारी प्राथमिकता है।' यह बिल लोकसभा में एक बार पारित हो चुका है। राज्यसभा में विपक्ष के विरोध की वजह से अटक गया था। 

लोकपाल को लेकर अन्ना का अनशन तीसरे दिन भी जारी

आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि अन्ना हजारे अपने प्रस्तावित जनलोकपाल विधेयक के एक भी मुद्दे से पीछे हटें। गुरुवार को रालेगणसिद्धि पहुंचे 'आप' नेता कुमार विश्वास ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस को जनलोकपाल विधेयक का वहीं प्रस्ताव पास करवाना होगा, जो दो साल पहले जंतर-मंतर पर अन्ना के आंदोलन में प्रस्तावित किया गया था। पर्यावरणवादी कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी अन्ना के समर्थन में रालेगण सिद्धि पहुंच गई हैं।

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कुमार विश्वास 'आप' के दो अन्य प्रमुख सदस्यों संजय सिंह एवं गोपाल राय के साथ रालेगणसिद्धि पहुंचे। रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे के आमरण अनशन का गुरुवार को तीसरा दिन था। जनलोकपाल विधेयक पारित कराने की मांग को लेकर मंगलवार से शुरू हुए अन्ना हजारे के अनशन स्थल पर 'आप' के नेताओं को देखने के लिए अचानक भीड़ उमड़ पड़ी।

लेकिन इस भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 'आप' के खिलाफ नारेबाजी भी की। ये लोग अन्ना के अनशन में अब तक अरविंद केजरीवाल के न आने से नाराज थे। करीब ढाई घंटे अनशन स्थल पर रहने के बाद कुमार विश्वास अपने साथी संजय सिंह के साथ वापस लौट गए, जबकि गोपाल राय अन्ना के मंच के सामने ही अनशन पर बैठ गए हैं। चूंकि अन्ना हजारे अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को स्थान नहीं देना चाहते, इसलिए कुमार विश्वास ने मंच के नीचे से ही वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ये न समझे कि वह लोकपाल के नाम पर कोई भी विधेयक पास करके अन्ना को संतुष्ट कर देगी। उसे बिल्कुल वही विधेयक संसद में पास करवाना होगा, जो दो साल पहले अपने आंदोलन के दौरान अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर पेश किया था।

माना जा रहा है कि कुमार विश्वास ने अन्ना के मंच के सामने से कांग्रेसनीत सरकार को यह चेतावनी देकर अन्ना और कांग्रेस के बीच होने वाली किसी भी संभावित बातचीत पर पानी फेर दिया है। जबकि कहा जा रहा था कि इस बार अन्ना हजारे कुछ संशोधन के साथ सरकार के लोकपाल विधेयक को मंजूरी दे देंगे। अपने अनशन स्थल पर कुमार विश्वास के यह याद दिलाने के बाद अन्ना का अपनी बात से पीछे हटना मुश्किल होगा। अन्ना के अनशन को समर्थन देने के लिए टीम अन्ना की पुरानी सहयोगी किरण बेदी पहले ही रालेगणसिद्धि पहुंच चुकी हैं। अनशन शुरू होने के तीसरे दिन अन्ना का स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है। लेकिन उनके वजन में कुछ कमी जरूर आई है।

अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी जनता : अन्ना

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रालेगण सिद्धी (महाराष्ट्र) : दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ पार्टी को मिली कामयाबी पर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस की धोखाधड़ी से ‘आप’ पार्टी को कामयाबी मिली। अन्ना हजारे ने कहा कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को सजा दी है।

ज़ी मीडिया से खास बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा, ‘उन्हें विश्वास की केजरीवाल इस टोपी की मान रखेंगे। केजरीवाल विपक्ष में बैठकर भी अच्छा काम करेंगे।’

अन्ना ने कहा कि वह पक्ष और पार्टी में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस से अपना गुस्सा निकाल रही है। अन्ना ने कहा कि शीला दीक्षित को हराना केजरीवाल की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने उनकी टोपी नहीं पहनी, बल्कि गांधी टोपी पहनी है। अन्ना हजारे ने कहा कि राजनीतिक दल भ्रष्टाचार को दिल से नहीं मिटाना चाहते। 

केजरीवाल की पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने से इंकार करने वाले हजारे ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के शानदार प्रदर्शन पर खुशी का इजहार किया। शीला दीक्षित पिछले 15 वर्षों से दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं।

‘आप’ के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर हजारे ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन है। देश की राजनीति का दिल्ली केन्द्र है। दिल्ली में सत्ता की कमान संभाले पार्टी को हाथ में महज एक झाडू लेकर हराना कोई आसान बात नहीं है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इस पुराने दल (कांग्रेस) के पास काफी धन है। मुझे खुशी है कि ऐसी स्थिति में भी उनकी पार्टी को 24 सीटों पर विजय मिलती दिख रही है।’’

अपने गांव रालेगण सिद्धी में पत्रकारों के साथ बातचीत में अन्ना हजारे ने कहा कि कांग्रेस की धोखाधड़ी से ‘आप’ पार्टी को कामयाबी मिली। अन्ना हजारे ने कहा कि जनता ने कांग्रेस पार्टी को सजा दी है।

अन्ना हजारे ने कहा कि राजीतिक दल अच्छा कानून नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी सबक सिखाएगी। अन्ना हजारे ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह देश भर में भ्रमण करेंगे लेकिन किसी पार्टी का प्रचार नहीं करेंगे।