गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से नाराज अन्ना ने सरकार की तुलना ब्रिटिश हुकूमत से की.
नई दिल्ली के जंतर मंतर में सैकड़ों समर्थकों के बीच अन्ना ने कहा, "यह सरकार द्वारा जमीन पर कब्जा है. ब्रिटिश भी ऐसा ही करते थे." जंतर मंतर ही वह जगह है जहां से 2011 में अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था. देखते ही देखते आंदोलन देश भर में फैल गया और लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. केंद्र में तब कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार थी.
अब केंद्र में भारी बहुमत से लोकसभा चुनाव जीतने वाली बीजेपी की एनडीए सरकार है. 2014 के चुनावों के दौरान "अच्छे दिन आने वाले हैं" का नारा देने वाले नरेंद्र मोदी अब प्रधानमंत्री हैं. अन्ना ने बीजेपी के इस नारे पर तंज कसते हुए कहा, "अच्छे दिन कहां हैं? क्या अच्छे दिन सिर्फ उद्योगपतियों के लिए हैं, आम आदमी के लिए नहीं."
77 साल के अन्ना मोदी सरकार के द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में लाए गए बदलावों से नाराज हैं. यह कानून यूपीए सरकार ने बनाया था. दिसंबर 2014 में मोदी सरकार ने अध्यादेश के जरिए इसमें कुछ बदलाव किए. बदलावों के तहत इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, ग्रामीण आधारभूत संरचना, सस्ते घर और रक्षा क्षेत्र की योजनाओं के लिए सरकार को मालिक की सहमति लिए बगैर जमीन लेने का अधिकार मिल गया.
भूमि अधिग्रहण कानून पर विवाद : अन्ना ने इसका विरोध करते हुए कहा, "जब 2013 में ही कानून पास हुआ तो फिर अध्यादेश लाने की क्या जरूरत है. उद्योगपतियों की जरूरतें पूरी करने के लिए आप किसानों को धोखा कैसे दे सकते हैं?" केंद्र सरकार बजट सत्र में विधेयक लाकर सुधारों को कानून का हिस्सा बनाना चाहती है.
महाराष्ट्र के गांव रालेगढ़ सिद्धी से दिल्ली पहुंचे अन्ना के मुताबिक बहुत ही कम किसानों को नए विधेयक के बारे में जानकारी है. उन्होंने किसानों को इसके प्रति जागरूक करने पर भी जोर दिया. सरकार को अल्टीमेटम देते हुए गांधीवादी समाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि अगर चार महीने के भीतर इन चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा.
2011 में शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान अन्ना के साथ अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी भी थे. आंदोलन के बाद ही 2012 में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई. अब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. केजरीवाल ने साफ किया है कि वो अन्ना के आंदोलन में हिस्सा लेंगे.