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भूमि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे अन्ना

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नई दिल्ली  : केंद्र सरकार से भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और एकता परिषद के संस्थापक पी वी राजगोपाल ने आज कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अन्ना हजारे के नेतृत्व में इस विषय पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जायेगा।

राजगोपाल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आगामी 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन सरकार को ‘चेतावनी’ होगी, लेकिन अगर इस ‘किसान विरोधी’ अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो अन्ना हजारे के नेतृत्व में इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। अन्ना हजारे कल हरियाणा के पलवल से ‘किसान अधिकार चेतावनी सत्याग्रह’ पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और फिर 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना की मौजूदगी में इस अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन होगा।

राजगोपाल ने कहा, ‘आगामी 24 फरवरी को जंतर-मंतर पर होने वाला प्रदर्शन सरकार को चेतावनी होगी। हम चाहते हैं कि सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेश को वापस ले। अगर सरकार ने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो फिर अन्ना हजारे के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी आंदोलन होगा। अन्नाजी और हम लोग देश भर में घूमकर इस मुद्दे पर किसानों को एकजुट करने का काम करेंगे।’ उन्होंने कहा कि वे लोग इस मामले पर सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। अगर सरकार हमें बातचीत के लिए बुलाती है तो हम लोग जरूर जाएंगे।’ भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन में कई किसान संगठनों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अरूणा रॉय, बाल विजय, एवं स्वामी अग्निवेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, उदय कुमार, राजेन्द्र सिंह और कई दूसरे लोग समर्थन कर रहे हैं।

राजगोपाल ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा तथा केंद्र के मंत्रियों नितिन गडकरी एवं जुआल ओरम से मुलाकात भी की। हमें सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला जिसके बाद हमने यह आंदोलन करने का फैसला किया।’ गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों को लेकर एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। हाल ही में अन्ना हजारे ने इस अध्यादेश को किसानों के खिलाफ बताया था और इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी।