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प्रधानमंत्री और चिदम्बरम को इस्तीफा दे देना चाहिए : टीम अन्ना

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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 122 2जी लाइसेंस खारिज किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिवदम्बरम को पद छोड़ देना चाहिए। यह बात पूर्व कानून मंत्री और टीम अन्ना की कोर समिति के सदस्य शांति भूषण ने सोमवार को कही।

शांति भूषण ने एक बयान में कहा, "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 122 लाइसेंस खारिज किए जाने से इस बात की पुष्टि हो गई है कि लाइसेंस के 2001 के मूल्य पर आवंटन से सरकार को भारी नुकसान हुआ है। चिदम्बरम ही नहीं प्रधानमंत्री को भी पद छोड़ने के लिए कहने का यह एक पुख्ता आधार है।"लाइसेंस के आवंटन के वक्त 2008 में चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।

उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री को स्थिति की जानकारी थी और वह 2001 की कीमत पर लाइसेंस आवंटन को रोक सकते थे। वह राजा को सरकार से बाहर कर सकते थे। उनका यह कहना कि गठबंधन सरकार होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सके मान्य नहीं है।" भूषण ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने कहा है कि लाइसेंस धारक कम्पनियों को ऊंची कीमत पर हिस्सेदारी बेचने की अनुमति देने के तत्कालीन वित्त मंत्री के कार्य से वह इस मामले में कोई पक्ष नहीं बनते हैं, भले ही यह लाइसेंस की शर्तों के विरुद्ध था।

भूषण ने कहा, "विशेष न्यायाधीश ने आगे कहा कि राजा और अन्य के खिलाफ स्पष्ट सबूत हैं, लेकिन चिदम्बरम के खिलाफ सबूत का अभाव है।" उन्होंने कहा, "अन्य सबूत के अभाव में विशेष न्यायाधीश का स्वामी की याचिका को खारिज करना सही हो सकता है।"भूषण ने कहा कि षड्यंत्र के मामले में प्रभावी सबूत तभी सामने आते हैं, जब एक स्वतंत्र और अधिकार प्राप्त एजेंसी जांच करती है।

उन्होंने कहा, "इस बात पर गौर किया जा सकता है कि सीबीआई चिदम्बरम के खिलाफ स्वतंत्रता पूर्वक जांच नहीं कर सकती है, क्योंकि गृहमंत्री सीबीआई अधिकारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग, प्रोन्नति, निलम्बन और अनुशासनात्मक कार्रवाई पर नियंत्रण रखते हैं।" उन्होंने कहा, "यदि इस सिद्धांत को माना जाए कि जब तक उपलब्ध साक्ष्य से ही व्यक्ति के षड्यंत्र में शामिल होने का पता नहीं चले किसी के खिलाफ कोई जांच नहीं कराई जा सकती है, तो कभी किसी आतंकवादी के खिलाफ जांच नहीं कराई जा सकती है।"
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