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रामदेव और दिल्ली पुलिस, दोनों दोषी: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली।। योग गुरु बाबा रामदेव के धरने के दौरान पिछले साल 4 जून की रात रामलीला मैदान में रामदेव के समर्थकों पर लाठीचार्ज किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और रामदेव, दोनों की खिंचाई की। कोर्ट ने आधी रात को लाठीचार्ज की कार्रवाई को गैरकानूनी और गैरजरूरी करार देने के साथ ही बाबा रामदेव को भी लापरवाही का दोषी माना।

सुप्रीम कोर्ट ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिस वालों और पुलिस के ऊपर पत्थर फेंकने वाले लोगों पर क्रिमिनल केस दर्ज करने का भी आदेश दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा,'पुलिस की कार्रवाई गलत थी। आधी रात को इतनी हड़बड़ी में मैदान खाली कराने की क्या जरूरत पड़ गई, यह समझ से परे है। पुलिस और राज्य इस हिंसक घटना को टाल सकते थे। दिल्ली पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया और लोगों के मूल अधिकार का हनन किया गया। यह घटना राज्य की शक्ति दिखाती है, जिसने लोकतंत्र की नींव पर हमला किया है।'

कोर्ट ने कहा सत्ता में मौजूद लोग और शासित होने वाले लोगों के बीच विश्वास की कमी का यह स्पष्ट उदाहरण है। इसके साथ ही कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव को भी दोषी मानते हुए कहा, 'उन्हें उस समय पुलिस का कहना मानते हुए मैदान खाली कर देना चाहिए था। अगर इसमें कुछ गलत था, तो उसका फैसला हम करते।'

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसिया कार्रवाई के दौरान घायल होकर दम तोड़ने वाली राजबाला के परिवार वालों को पांच लाख रुपये, जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे उनको 50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। मुआवजे की राशि रामदेव के ट्रस्ट और दिल्ली पुलिस संयुक्त रूप से देगी। रामदेव के ट्रस्ट को मुआवजे का 25 फीसदी और दिल्ली पुलिस को 75 फीसदी देना होगा।
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