भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रति गंभीर नहीं लगते, हम करेंगे आंदोलन : अन्ना

2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने वाले अन्ना हजारे अब केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. इस बार भी मुद्दा जनलोकपाल की नियुक्ति होगा. 15 दिन बाद दिल्ली में टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक होगी जिसमें आंदोलन की दिशा तय होगी. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अन्ना का यह ऐलान बीजेपी की चिंताएं बढ़ा सकता है.
महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में अन्ना ने कहा, 'मोदी ने भ्रष्टाचार पर अपना वादा नहीं निभाया. नई सरकार को जितना समय देना चाहिए था, उतना दे दिया है. प्रदानमंत्री मोदी ने चुनाव से पहले जो आश्वासन दिया वह पूरा नही किया. मैं सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा.' गौरतलब है कि काले धन के मसले पर अन्ना केंद्र सरकार से नाखुश हैं. तीन स्विस बैंक खाताधारकों के नाम सामने आने के बाद भी अन्ना ने मोदी को चिट्ठी लिखकर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी.

अन्ना ने उस चिट्ठी में लिखा था कि वह संसद के शीत सत्र तक इंतजार करेंगे. अगर उसके बाद भी अगर काला धन वापस लाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वह मोदी के खिलाफ जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरेंगे.

अन्ना ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था, 'आपने काला धन वापस लाने का वादा किया था. अब 100 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है और आपने सिर्फ तीन नाम बताए हैं और कोई कार्रवाई नहीं की.'

एक समय भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए के खिलाफ आंदोलन करने वाले अन्ना ने मोदी को लिखा, 'आपने यह भी कहा था कि काला धन वापस आने के बाद हर नागरिक के अकाउंट में 15 लाख रुपये आ जाएंगे. मैं संसद का शीत सत्र समाप्त होने तक इंतजार करूंगा. उसके बाद मैं भारी जनसमूह के साथ मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा.'

गौरतलब है कि 2011 में जनलोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल और अन्य सहयोगियों के साथ यूपीए सरकार के खिलाफ अनशन किया था. हालांकि राजनीतिक पार्टी बनाने के मुद्दे पर वह केजरीवाल से अलग हो गए थे.


राजनीति गंदी है, जनलोकपाल के लिए फिर आंदोलन: अन्ना

रालेगण सिद्धि : अपनी पूर्व सहयोगी किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने के बारे में सवालों को टालते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि वह 'राजनीतिक गंदगी' से दूर रहना चाहते हैं. उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद जनलोकपाल के लिए अपना आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया.

बेदी के इस बयान के बारे पूछने पर कि उन्होंने उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, 77 वर्षीय हजारे ने कहा, यह मामला फिर सामने आया है. मैं इस गंदगी में नहीं फंसना चाहता. मैं ऐसी गंदी राजनीति में नहीं शामिल होना चाहता. किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने पर हजारे ने कहा, मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.

समझा जाता है कि हजारे ने कहा था कि पूर्व आईपीएस अधिकारी ने भाजपा में शामिल होने से पहले उनसे सलाह मशविरा नहीं किया. हजारे ने अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में संवाददाताओं से कहा कि जनलोकपाल मुद्दे पर अपनी अगली कार्रवाई के बारे में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद वह निर्णय करेंगे.

हजारे ने कहा, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आंदोलन की दिशा तय की जाएगी. यह पूछने पर कि दिल्ली चुनावों के बाद आंदोलन के दौरान उनके साथ कौन होगा, हजारे ने कहा, उस पर हम बाद में निर्णय लेंगे. किरण बेदी ने रविवार को कहा था कि वह हजारे से मुलाकात करेंगी और राजनीति में शामिल होने के अपने निर्णय पर सफाई देंगी.


आंदोलन के लिए मैं अकेला ही काफी हूं: अन्ना

दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि आंदोलन के लिए वे अकेले ही काफी हैं। उन्होंने कहा कि लोकपाल के लिए आगे वह अकेले ही आंदोलन करेंगे। जब अन्ना से किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल के लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि इससे पहले खबरें आ रही थी लोकपाल आंदोलन में अपनी पूर्व सहयोगी रहीं किरण बेदी के बीजेपी में शामिल होने के बाद से अन्ना हजारे उनका फोन नहीं उठा रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा था कि अन्ना किरण बेदी के बीजेपी में शामिल होने फैसले से नाराज हैं। उन्हें शिकायत है कि किरण बेदी बिना उनसे विचार-विमर्श किए राजनीति में उतरी हैं। यह भी खबर है कि बेदी ने उन्हें कई दफा फोन किया, लेकिन नाराज अन्ना उनके फोन का जवाब नहीं दे रहे।

बेदी का भाजपा में जाना अन्ना को नागवार...

नई दिल्ली - किरण बेदी चाहे जो रही हों और चाहे जो हो जाएं लेकिन एक कसक उन्हें हमेशा रहेगी. अन्ना हजारे ने उन्हें आशीर्वाद देने से सीधा इनकार कर दिया है. जिन अन्ना हजारे के आंदोलन ने किरण बेदी को पहली बार जनता का सार्वजनिक मंच दिया,उन्हीं अन्ना ने किरण बेदी को कहलवा दिया कि वो आइंदे से फोन न करें.बीजेपी की नाव पर सवार किरण बेदी ने सिर्फ अधूरी बात बताई थी और पूरी बात ये है कि अन्ना हजारे ने दिल्ली की अपनी अंतिम सिपाही को आशीर्वाद देने से साफ मना कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक किरण बेदी को आशीर्वाद छोड़िए अन्ना हजारे फोन पर उनका हैलो सुनने को भी तैयार नहीं हैं. लेकिन वो अंतिम समय तक उनके इस्तेमाल की उम्मीद लगाए बैठी रहीं.

हुआ यूं कि बीजेपी में घुसने के दो दिन बाद किरण बेदी ने रात के 9.30 बजे अन्ना हजारे का नंबर मिलाया था. फोन अन्ना के सहायक ने उठाया और अन्ना को इसकी सूचना दी लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. रात के 10 बजे किरण बेदी ने दोबारा फोन मिलाया और अन्ना के सहायक ने फिर से फोन उठाया. उस समय अन्ना दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल के साथ बातचीत कर रहे थे लेकिन बताए जाने पर अन्ना ने साफ कह दिया कि किरण बेदी का फोन न उठाया जाए.

ये फर्क किरण बेदी और केजरीवाल का है. जब केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई थी तो अन्ना ने आशीर्वाद भी दिया था और कामयाब होने की कामना भी थी. अन्ना हजारे ने आशीर्वाद न देकर किरण बेदी और केजरीवाल का फर्क जता दिया है. दरअसल किरण बेदी अपने बहाने अन्ना से बीजेपी की राजनीति के लिए वैधता चाहती थीं. किरण बेदी चाहती थीं कि अन्ना हजारे खुद दिल्ली आकर उन्हें आशीर्वाद दें और अगर वो दिल्ली न आ सकें तो रालेगण सिद्धि में ही मीडिया को बुलाकर अपना आशीर्वाद दे दें.

किरण ने बीजेपी ज्वाइन करने से पहले पूछा नहीं था: अन्ना हजारे

नई दिल्ली। किरण बेदी का भाजपा ज्वाइन कर लेना जितना अचरज भरा आम लोगों के लिए हैं उतना ही आंदोलनकारी अन्ना हजारे के लिए भी है। एबीपी न्यूज से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें इस बारे में पहले से कुछ मालूम नहीं था। दिसंबर 13 के बाद किरण बेदी की उनसे कोई बात नहीं हुई है और ना ही किरण ने बीजेपी ज्वाइन करने से पहले उनसे बात की थी। मैं केजरीवाल की तरह नकारात्मक राजनीति के लिए नहीं आयी हूं: किरण बेदी   मालूम हो कि लोकपाल के हुए अन्ना हजारे के अंदोलन में किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल दो मुख्य सिपाही थे जिनकी वजह से अन्ना के आंदोलन ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। लोग अन्ना और लोकपाल के लिए सड़कों पर निकल आये थे, लेकिन इस आंदोलन को कोई सफलता ना मिल पाने के कारण अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखने का मन बनाया और उन्होंने आम आदमी पार्टी बनायी जिसके बाद अन्ना हजारे केजरीवाल पर बुरी तरह गुस्सा भी हुए थे। उन्होंने उन्हें सत्ता लोभी बताया था।

नई दिल्ली। किरण बेदी का भाजपा ज्वाइन कर लेना जितना अचरज भरा आम लोगों के लिए हैं उतना ही आंदोलनकारी अन्ना हजारे के लिए भी है। एबीपी न्यूज से बात करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें इस बारे में पहले से कुछ मालूम नहीं था। दिसंबर 13 के बाद किरण बेदी की उनसे कोई बात नहीं हुई है और ना ही किरण ने बीजेपी ज्वाइन करने से पहले उनसे बात की थी। मैं केजरीवाल की तरह नकारात्मक राजनीति के लिए नहीं आयी हूं: किरण बेदी   मालूम हो कि लोकपाल के हुए अन्ना हजारे के अंदोलन में किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल दो मुख्य सिपाही थे जिनकी वजह से अन्ना के आंदोलन ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। लोग अन्ना और लोकपाल के लिए सड़कों पर निकल आये थे, लेकिन इस आंदोलन को कोई सफलता ना मिल पाने के कारण अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखने का मन बनाया और उन्होंने आम आदमी पार्टी बनायी जिसके बाद अन्ना हजारे केजरीवाल पर बुरी तरह गुस्सा भी हुए थे। उन्होंने उन्हें सत्ता लोभी बताया था।