भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

2जी लाइसेंस रद्द होने से ग्राहक परेशान

Please do not forget to confirm after clicking the LIKE button

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सिर्फ 8 टेलीकॉम कंपनियों पर नहीं, उनके करोड़ों ग्राहकों पर भी होगा। इन ग्राहकों के सामने ये सवाल खड़ा हो गया है कि अगर कंपनियों को दोबारा लाइसेंस नहीं मिलते हैं, तो उनके सामने क्या विकल्प बचते हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2008 में बांटे गए जिन 122 लाइसेंस को रद्द किया है, वो 8 कंपनियों के पास थे। इन 8 कंपनियों के करीब 11.5 करोड़ ग्राहकों पर इस फैसले का असर पड़ेगा। ये देश के कुल टेलीकॉम सब्सक्राइबर मार्केट का करीब 13 फीसदी हिस्सा है। लेकिन यूनिनॉर, स्पाइस, आइडिया और सिस्टेमा श्याम, जो एमटीएस के नाम से सर्विस देती है ये 4 कंपनियां ज्यादा प्रभावित होंगी।


यूनिनॉर के 3.6 करोड़, स्पाइस के 3.2 करोड़, आइडिया के 1.7 करोड़ और एमटीएस के 1.5 करोड़ ग्राहक प्रभावित होंगे। इसके अलावा वीडियोकॉन, एस टेल, लूप, एतिसलात और टाटा टेली के करीब 1.5 करोड़ ग्राहक भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित होंगे। लेकिन टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई भरोसा दिला रहा है कि ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं होगा।


हालांकि ट्राई भी अभी ये तय नहीं कर पाया है कि जिन ग्राहकों ने लाइफटाइम वैलिडिटी वाले प्लान लिए हैं, उनका क्या होगा। वैसे 122 लाइसेंस रद्द होने से करीब 537 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम फ्री होगा जिसकी नीलामी अगले 4 महीने में दोबारा की जाएगी।


जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द हुए हैं वो भी नए लाइसेंस के लिए अर्जी दे सकती हैं लेकिन अब उन्हें इसके लिए कहीं ज्यादा कीमत चुकानी होगी। ऐसे में अगर ये कंपनियां दोबारा अर्जी नहीं देती हैं, तो इनके ग्राहकों के सामने नया ऑपरेटर चुन लेने या फिर नया नंबर लेने के ही विकल्प बचते हैं।

SEND THIS POST TO YOUR FACEBOOK FRIENDS/GROUPS/PAGES