रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर जनलोकपाल बिल के लिए अनशन करेंगे। अन्ना इस बार अपना आंदोलन अपने ही क्षेत्र राणेगण सिद्धि में करेंगे।
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अन्ना मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए 10 दिसंबर से यादव बाबा मंदिर में अनिश्चतकालीन अनशन करेंगे। अपने आंदोलन के बारे में घोषणा करते हुए हजारे ने केंद्र से 5 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने के लिए साहस दिखाने को कहा है।
हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक खत लिखकर भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक लाने में केंद्र सरकार की नाकामी पर नाराजगी जाहिर की थी। सामाजिक कार्यकर्ता ने बातचीत में आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ के अभाव में यह विधेयक लटका हुआ है। हजारे को अपने जवाबी पत्र में संसदीय मामलों के मंत्री वी नारायण सामी ने लोकपाल विधेयक लाने की दिशा में सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बताया। हजारे ने कहा कि उन्हें मंगलवार को नारायणसामी का पत्र मिला।
सरकार की कोशिशों पर नाखुशी जाहिर करते हुए हजारे ने कहा कि पिछले दो साल से संवाद हो रहा है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। इससे पहले, केंद्र ने आश्वस्त किया था कि विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। प्रवर समिति ने इसे 23 नवंबर 2012 को मंजूरी दे दी थी लेकिन मानसून सत्र में भी कुछ नहीं हुआ।’
अन्ना हजारे ने कहा कि अब देश परिणाम चाहता है, वजह नहीं और इसलिए मैं भूख हड़ताल करने जा रहा हूं। हजारे ने बताया कि आंदोलन यहां होगा, दिल्ली के रामलीला मैदान में नहीं। उन्होंने लोगों से विधेयक का रास्ता बनाने के लिए अहिंसक तरीके से सरकार पर दवाब बढाने का भी आह्वान किया।
वर्ष 2011 में जनलोकपाल आंदोलन की पृष्ठभूमि में बढ़ते जन दबाव के बीच केंद्र ने लोकसभा में लोकपाल विधेयक को पारित कर दिया था। राज्यसभा से यह अब तक पारित नहीं हुआ है। गौरतलब है कि हजारे ने कहा था कि लोकसभा द्वारा पारित विधेयक और जनलोकपाल विधेयक के मसौदे में काफी अंतर है।