पटना : पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने यूएन ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स का हवाला देते हुए बताया कि चूंकि देश में लोकतंत्र सही ढंग से लागू नहीं है, इसलिए भ्रष्टाचार अधिक है। वे रविवार को बीआइए सभागार में देशरत्न डा.राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। देश निर्माण में युवाओं की भूमिका विषयक इस संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि युवाओं के माध्यम से ही देश में बदलाव आयेगा। इसके लिए जरूरी है कि युवाओं के लिए नीतियां व शिक्षा के क्षेत्र में योजनाएं तैयार करते समय विशेष सावधानी बरती जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आज जो युवा हमारी संपदा हैं, कल समस्या बन जायेंगे।
जनरल सिंह ने कहा कि हमारे देश 84 करोड़ युवा हैं। फिर भी 88 से 92 फीसद बच्चे केजी से दसवीं के बीच पढ़ाई छोड़ देते हैं। जो आगे की पढ़ाई जारी रखते हैं, उनमें से 62 फीसद मानविकी विज्ञान की पढ़ाई करते हैं। विदेशों में 80 फीसद युवा वोकेशनल कोर्स करते हैं। जबकि हमारे यहां महज दो से ढाई फीसद। इसका सीधा असर रोजगार के अवसर पर पड़ता है। देश में महज 27 हजार विदेशी विद्यार्थी पढ़ते हैं। जबकि विदेशों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई पर हर साल 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होता है। इतने पैसों से देश में हर साल 50 आइआइएम व 30 आइआइटी खुल सकते हैं। हमारे देश में चीन से अधिक कृषि योग्य भूमि है, लेकिन हमारी उत्पादकता चीन के मुकाबले मात्र 40 फीसद है। इसी तरह लाइन लास 40 फीसद है।
चीन में यह महज 6 से 8 फीसद। हमारे 40 फीसद कृषि उत्पाद उचित रख-रखाव के अभाव में खराब हो जाते हैं। श्रम कानूनों में भी कई खामियां हैं। कहा कि हमें अपनी जरूरतों के हिसाब से योजनाएं बनानी चाहिए, लेकिन होता यह है कि हम पाश्चात्य माडल को आंख मूंद कर लागू करने का प्रयास करते हैं। जो सही नहीं है। हमारे देश में 9 करोड़ लोग पहली बार वोट डालेंगे। 20 करोड़ लोगों को अपनी जीवन में मताधिकार का दूसरा मौका मिलेगा। इन्हीं के माध्यम से बदलाव आयेगा। इसके लिए इन्हें सही मार्गदर्शन व ट्रेनिंग की जरूरत है। आज समस्या इसलिए गंभीर हुई है, क्योंकि अच्छे लोग उदासीन हो गए हैं। देश के विकास का आकलन स्टाक एक्सचेंज से नहीं हो सकता। असमानता के कारण ही नब्बे के दशक में जहां देश के 50 जिले अशांत थे आज 272 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इससे पूर्व रविवार को ही जनरल सिंह ने दीघा-आशियाना रोड में नागरिकों व किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण की नीति किसानों के हित में बननी चाहिए।
इससे पूर्व बीआइए अध्यक्ष केपीएस केसरी ने अतिथि का स्वागत किया। संजय गोयनका ने जनरल सिंह का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। मौके पर डा.उत्तम सिंह, जीपी सिंह, नरसिंह जायसवाल, संजय भरतिया सहित शहर गण्यमान्य नागरिक मौजूद थे।